सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में समय-समय पर बदलाव जरूरी हैं। ये तभी संभव है जब भारत में अपराध को लेकर नए कानून बनते रहेंगे।
इन सेवानिवृत्त जजों ने कहा कि कुछ ग्रुप्स द्वारा सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान कर न्यायपालिका को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पलटवार किया था। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि न्यायपालिका पर हमले की साजिश रचने और कॉर्डिनेट करने में पीएम की बेशर्मी पाखंड की पराकाष्ठा है।
एनसीपी-एसटीपी नेता व सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह कहानी पढ़ना बहुत ही चिंताजनक और परेशान करने वाला है।
भारत से 600 से अधिक वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को एक लेटर लिखा है। उन्होंने लेटर में इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि वे न्यायपालिका की अखंडता के लिए खतरा मानते हैं।
द्रमुक नेता के पोनमुडी को मंत्रिमंडल में शामिल करने से इनकार करने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सख्त टिप्पणी करते हुए केंद्र से पूछा कि अगर राज्यपाल संविधान का पालन नहीं करते हैं तो सरकार क्या करती है?
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि लोगों को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी देना अलग बात है लेकिन उसको लेकर तमाम तरह के रिपोर्ट बनाए जा रहे हैं उसे रोकने के लिए कोर्ट को डायरेक्शन जारी करना चाहिए।
सांसदों के परिसरों और जहां भी वे जाते हैं, वहां सीसीटीवी लगाए जाने चाहिए ताकि 24x7 निगरानी की जा सके। कुंद्रा ने कहा कि यह फुटेज सभी नागरिकों के मोबाइल फोन पर उपलब्ध होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने फटकारते हुए रिटर्निंग आफिसर व संबंधितों को दो टूक संदेश दिया कि वह लोकतंत्र की हत्या करने की इजाजत नहीं देगा।
कोर्ट ने सोमवार शाम पांच बजे तक सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने का आदेश दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 12 फरवरी को की जाएगी।