भारत के चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे ने केंद्र सरकार से जस्टिस एन.वी. रमन्ना को सुप्रीम कोर्ट के अगले यानी 48वें चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। चीफ जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं।
देश के अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एनवी रमन्ना हो सकते हैं। सीजेआई एसए बोबडे ने बुधवार को अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस एनवी रमन्ना का नाम रखा। सीजेआई बोबडे 23 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। एनवी रमन्ना का पूरा नाम नथालपति वेंकट रमन्ना है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को 500 से ज्यादा वकीलों ने पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट में फिजिकल सुनवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में वर्चुअल सुनवाई शुरू तो की गई, लेकिन वह फेल साबित हुई है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे की मां से 2.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस मामले में नागपुर में अधिकारियों ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी की पहचान तापस घोष के रूप में हुई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एस ए बोबडे को पत्र लिखकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज एन वी रमन्ना राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू संग मिलकर सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं।
एक मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष ने जमानत मांगी तो चीफ जस्टिस ने पूछा कि आज कृष्ण का जन्म हुआ था और जेल में हुआ था। क्या आप जेल में रहना चाहते हैं या फिर बेल लेना चाहते हैं? आप निश्चित हैं कि आप जेल से बाहर आना चाहते हैं? इसपर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा जी माई लॉर्ड वह जमानत चाहते हैं।
कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने यूपी सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। CJI ने यूपी सरकार को हिदायत दी है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।
जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में जनवरी में हर दिन 205 केस दायर हो रहे थे लेकिन, अप्रैल में ई-फाइलिंग के जरिए अभी तक कुल 305 केस ही आए। उन्होंने कहा केसों की संख्या कम होने से अदालतों में दायर होने वाले मुकदमों का दबाव कम हुआ है।
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण किया। पूर्व सीजेआई गोगोई 13 महीने तक सीजेआई रहे और 17 नवंबर 2019 को रिटायर हुए थे। जिसके बाद 16 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोगोई को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर मनोनित किया था।
यह सीट केटीएस तुलसी का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई थी। गोगोई ने उस पांच न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया जिसने गत वर्ष नौ नवम्बर को संवेदनशील अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था।