प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज का दिन हेमचंद्र बरुआ, राधानाथ चांगकोकोटी, कीर्तिनाथ शर्मा, निलामोनी फुकन और बेनुधर शर्मा जैसे लोगों को याद करने का दिन है, जिन्होंने आजादी से पहले असम में प्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि जब हम असम में मीडिया के 175 वर्ष पूरा होने का जश्न मना रहे हैं, तब भारत की हिंदी पत्रकारिता 195 वर्ष पूरे करने जा रही है।