जीवन में परेशानियों का आना-जाना लगा रहता था। कुछ लोग परेशानियों से बाहर निकलने की कोशिश करते हैं तो कुछ इसे भाग्य के भरोसे छोड़ देते हैं। कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि एक साथ की परेशानी हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती है।
कुछ लोग अपना लक्ष्य इतना बड़ा तय कर लेते हैं कि उसे पाने की आतुरता में कई गलतियां कर बैठते हैं। इस वजह से वे न तो लक्ष्य पा सकते हैं और न ही जीवन में आगे बढ़ जाते हैं। इस वजह से कई बार वो डिप्रेशन में भी चले जाते हैं।
हर इंसान की कुछ न कुछ चाहत होती है, किसी को पैसे की तो किसी को पद की। ये इच्छाएं अगर पूरी हो जाएं तो दूसरी इच्छाएं मन में जन्म ले लेती हैं। इस तरह एक के बाद एक नई-नई इच्छाएं मन में बनी ही रहती है क्योंकि इच्छाओं का कोई अंत नहीं है।
लोभ यानी लालच ऐसी बुराई है, जिसकी वजह से हमारे दूसरे सभी गुणों का महत्व खत्म हो जाता है। लालच की वजह से व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं हो पाता है और धनवान होते हुए भी गरीब बना रहता है। इसलिए लालच जैसे अवगुण से बचना चाहिए।
कुछ लोगों को अपने हुनर का बहुत ज्यादा ही अभिमान होता है। उन्हें लगता है कि जो काम वो कर रहे हैं, वो और कोई कर ही नहीं सकता। जब उनका अभिमान बढ़ता जाता है उस समय वो कोई न कोई गलती कर बैठते हैं।
कुछ लोग अपने अधिकारों और शक्तियों का उपयोग दूसरों को कष्ट पहुंचाने में करते हैं, जो कि गलत है। अगर आपके पास कोई विशेष अधिकार या शक्तियां है तो उसका अधिक से अधिक उपयोग लोगों की भलाई में करें न कि दूसरों को परेशान करने में।
कुछ लोग बिना-समझे कोई भी काम कर बैठते हैं। कई बार उनकी उपाय काम भी कर जाता है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि हर बार वही उपाय आपके काम आए। हर परिस्थिति को पहले अच्छी तरह सोच-समझ लें, इसके बाद ही उसके बारे में कोई निष्कर्ष निकालें।
जो लोग हमारे गुस्से का शिकार होते हैं, वे हमसे डरने लगते हैं। दूर रहने लगते हैं। डर और प्यार कभी एक साथ नहीं रहता। लोग हमसे दूर होते हैं तो हम सिर्फ उन्हें ही नहीं, बल्कि उनके प्यार को भी खोते हैं। इसीलिए क्रोध को काबू कर लेना चाहिए।
बच्चे जो अपने घर में देखते हैं, वैसा ही अनुसरण करते हैं। अगर घर का माहौल ठीक नहीं है तो उसका असर बच्चों के मनो-मस्तिष्क पर भी पड़ता है। इसलिए बच्चों के सामने हमें एक आदर्श व्यक्ति का जीवन जीना चाहिए।
सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं। कभी सुख आता है तो कभी दुख। कुछ लोग बहुत पैसा होने पर भी किसी न किसी कारण से दुखी रहते हैं और कोई बहुत कम पैसे कमाकर भी सुख-चैन की नींद सोता है। जो दिन बिना किसी दुख के बीते वही अच्छे दिन कहे जा सकते हैं।