एक फेसबुक पोस्ट में मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि ओपन सोर्स इनोवेशन को बढ़ावा देने वाला है। कई डेवलपर्स को नई तकनीक के साथ निर्माण में सक्षम बनाने का काम यह करता है। प्राइवेसी और सिक्योरिटी में भी यह सुधार करता है।
मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने थ्रेड्स पर एक पोस्ट की थी, जिसमें संभावना जताई गई थी कि यह ऐप एक बिलियन से ज्यादा यूजर्स के साथ पब्लिक कन्वर्सेशन करने वाला ऐप हो सकता है। इसे ट्विटर का कॉम्पटीटर बताया जा रहा है।
ट्विटर के कंपटीटर ऐप पर काम मेटा इसी साल जनवरी से ही कर रहा है। अब तैयारी पूरी हो चुकी है और इसके लॉन्च होने का समय आ गया है। उम्मीद है कि 6 जुलाई को यह ऐप लॉन्च हो जाए। इस ऐप पर आप ट्विटर की तरह ही ट्वीट, रि-ट्वीट कर सकते हैं।
फेसबुक यानी मेटा ने एक बार फिर कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। मार्च में 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया। हाल ही में जिन कर्मचारियों की नौकरी गई, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपना दर्द बयां किया है।
बिना किसी कारण के फेसबुक द्वारा अकाउंट बंद करना कंपनी पर भारी पड़ गया। अमेरिका के एक व्यक्ति ने बिना कारण अकाउंट बंद करने पर फेसबुक पर मुकदमा कर दिया।
पिछले हफ्ते मेटा एग्जिक्युटिव की तरफ से कंपनी की वाइड मीटिंग में कर्मचारियों को अपकमिंग ट्विटर राइवल का प्रीव्यू दिखाया गया था। रिपोर्टस के अनुसार, इस ऐप में ट्विटर जैसे ही फीचर्स और इंटरफेस होगा।
Meta Layoffs: मेटा ने कड़ा डिसीजन लेते हुए भारत में टॉप अधिकारियों को कंपनी से निकाल दिया है। अपनी अन्य यूनिटों में भी कंपनी कर्मचारियों को कम कर रही है।
नवंबर 2022 में कंपनी ने करीब 13 परसेंट वर्कफोर्स यानी करीब 11,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. उसके बाद से ही छंटनी का दौर चल रहा है और नई हायरिंग पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
मेटा एक बार फिर छंटनी करने जा रही है। इसका असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम और रियलिटी लैब्स के एम्प्लॉइज पर पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े पैमानें पर नौकरियां जाएंगी। कंपनी इससे पहले भी छंटनी कर चुकी है।
कंपनी अपने संचालन व्यवस्था को दुरुस्त बनाने और आर्थिक अनिश्चितताओं को मैनेज करने के लिए नौकरियों से निकालने का फैसला लिया है।