Shraddha Paksha 2022: हिंदू धर्म ग्रंथों में श्राद्ध के लिए कई तीर्थों का वर्णन किया गया है। इनमें से गया भी एक है। ये तीर्थ बिहार में स्थित है। यहां फल्गू नदी है जिसके तट पर श्राद्ध करना श्रेष्ठ माना गया है। गया से संबंधित कथा कई ग्रंथों में मिलती है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार अनंत चतुर्दशी के बाद पितृपक्ष या श्राद्ध आता है। इस समय विशेष रूप से तैयार भोजन तैयार करके और चढ़ाकर अपने पूर्वजों के प्रति अपना धन्यवाद व्यक्त किया जाता है। आइए हम आपको बताते हैं, कि पितृपक्ष को दौरान आपको क्या बनाना चाहिए।
Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष के 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कार्य करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दौरान दान का भी बहुत महत्व है। मान्यता है कि दान से पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है और पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं।
Pitru Paksha 2022: धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में रोज पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करने चाहिए। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव भी कम होता है।
Shraddha Paksha 2022: पितृ पक्ष के दौरान हर व्यक्ति अपने मृत पूर्वजों के प्रति आस्था व्यक्त करने के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करता है। ये परंपरा हजारों सालों से चली आ रही है। इस दौरान कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
Shraddha Paksha 2022: ऐसा कहा जाता है पितरों को श्राद्ध पक्ष का इंतजार रहता है ताकि वे अपने वंशजों के पास जाकर उन्हें आशीर्वाद दे सकें। इस बार श्राद्ध पक्ष का आरंभ 10 सितंबर से हो चुका है जो 25 सितंबर तक रहेगा।