Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। जब अमावस्या तिथि सोमवार को होती है ये इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इसका महत्व सबसे अधिक माना गया है। साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है।
Somvati Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन को स्नान-दान, पूजा और उपाय आदि के लिए सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है। साल 2024 में पहला सोमवती अमावस्या का संयोग अप्रैल में बनेगा।
Somvati Amavasya 2023 Kab Hai: आज 13 नवंबर 2023 को सोमवती अमावस्या का शुभ संयोग बन रहा है। ये दिन स्नान-दान, उपाय, पितृ तर्पण और पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस बार सोमवती अमावस्या पर कईं शुभ योग बन रहे हैं।
Somvati Amavasya 2023: इस बार सावन मास 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस बार सावन मास में हरियाली अमावस्या पर दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसके चलते ये दिन बहुत की खास हो गया है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से कई गुना फायदा मिल सकता है।
Somvati Amavasya 2023: हिंदू पंचांग में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं। इनमें से अमावस्या भी एक है। इस तिथि को अन्य सभी तिथियों से अधिक महत्व दिया जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इस तिथि से कई मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हैं।
Somvati Amavasya 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या कहते हैं। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए इस तिथि पर श्राद्ध, तर्पण आदि कार्य किए जाते हैं।
Somvati Amavasya 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिस सोमवार को अमावस्या का संयोग बनता है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इस बार साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या का संयोग फरवरी में बन रहा है। कई शुभ योग भी इस दिन बनेंगे।
इस बार ज्येष्ठ मास की अमावस्या 30 मई, सोमवार को है। सोमवार को अमावस्या होने से ये सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2022) कहलाएगी। हिंदू धर्म ग्रंथों में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू पंचांग के तीसरे महीने की अमावस्या 30 मई, सोमवार को है। इस दिन शनि जयंती (Shani Jayanti 2022), वट सावित्री के साथ ही सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2022) का पर्व भी मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस तिथि पर अक्सर कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इसे पितरों की तिथि भी माना गया है। इस बार ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 30 मई, सोमवार को आ रही है।