सार
Somvati Amavasya 2023: हिंदू पंचांग में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं। इनमें से अमावस्या भी एक है। इस तिथि को अन्य सभी तिथियों से अधिक महत्व दिया जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं। इस तिथि से कई मान्यताएं और परंपराएं भी जुड़ी हैं।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा की कुल 16 कलाएं होती है, जिसमें हम तिथियों के अनुसार मानते हैं, जैसे प्रतिपदा लेकर चतुर्दशी तक और इसके बाद पूर्णिमा। चंद्रमा की 16वी कला को अमा कहते हैं। इसी से अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) शब्द की उत्पत्ति हुई। किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहलाती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं। आगे जानिए चंद्रमा से जुड़ी अन्य बातें
पितरों की तिथि है अमावस्या
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर तिथि का एक स्वामी होता है। उसी के अनुसार अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इसलिए इस तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा जैसे श्राद्ध, तर्पण आदि किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर किए गए पितृ कर्मों से पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। प्रमुख तीर्थों पर इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व भी है।
इस दिन यात्रा करना माना जाता है अशुभ
अमावस्या से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि इस तिथि पर बाहर की यात्रा करने से बचना चाहिए। क्योंकि इस तिथि पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक होता है। ऐसी स्थिति में अगर कोई यात्रा करता है तो उसके साथ कुछ अनहोनी होने की संभावना अधिक रहती है। इस तिथि पर श्मशान के निकट से गुजरने से भी लोग डरते हैं।
ये काम करने की भी मनाही
अमावस्या पर कुछ और काम करने की भी मनाही है जैसे इस तिथि पर तामसिक (मांसाहार, मसालेदार) भोजन नहीं करना चाहिए और न ही शराब आदि का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ नाराज होते हैं और घर में अशांति बनी रहती है। इस दिन तन-मन से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और सात्विक रहते हुए दिन बीताना चाहिए। अमावस्या पर क्षौर कर्म यानी नाखून काटना और शेविंग करवाने की भी मनाही है।
महिलाओं को रखना चाहिए इन बातों का ध्यान
अमावस्या पर निगेटिव शक्तियों का प्रभाव कहीं अधिक हो जाता है, इसलिए कहा जाता है कि अमावस्या पर महिलाओं को बाल खुले नहीं रखना चाहिए, इससे नकारात्मक शक्तियां इनकी ओर जल्दी आकर्षित हो जाती हैं और उन पर हावी होने की कोशिश करती हैं। इस तिथि पर रात में किसी पेड़ के पास जाने से भी बचना चाहिए। और भी कई मान्यताएं अमावस्या तिथि से जुड़ी हुई हैं।
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