सार

Vikram Samvat 2080: पंचांग के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में 12 महीने होते हैं। इनमें से फाल्गुन मास अंतिम होता है। फाल्गुन मास होलिका दहन पर समाप्त हो जाता है। इसके दिन बाद हिंदू नववर्ष शुरू होता है, जिसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।

 

उज्जैन. आज (20 फरवरी, सोमवार) फाल्गुन मास की अमावस्या है। सोमवार को होने से ये सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) कहलाएगी। ये साल 2023 की पहली सोमवती अमावस्या है। फाल्गुन हिंदू पंचांग के अंतिम महीना होता है। इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू होता है। हिंदू नववर्ष के पहले दिन को गुड़ी पड़वा (gudi padwa 2023) के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत भी होती है। आगे जानिए इस बार हिंदू नववर्ष (Vikram Samvat 2080) कब से शुरू होगा…

फाल्गुन मास के 15 दिन शेष
फाल्गुन अमावस्या के दूसरे दिन से यानी 21 फरवरी से फाल्गुन मास का शुक्ल पक्ष आरंभ हो जाएगा, जो 15 दिनों का होता है। इसके अंतिम दिन पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है, जो इस बार 7 मार्च को किया जाएगा। इसी के साथ हिंदू नववर्ष का अंतिम महीना फाल्गुन समाप्त हो जाएगा। फाल्गुन के शुक्ल पक्ष में बज्र, मथुरा आदि क्षेत्रों में होली का रंग चढ़ने लगता है और मंदिरों में फाग उत्सव भी मनाया जाता है।

चैत्र शुक्ल पक्ष से शुरू होता है हिंदू नववर्ष
फाल्गुन मास समाप्त होते ही चैत्र मास शुरु हो जाता है जिस दिन धुरेड़ी पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस दिन से नववर्ष की शुरूआत नहीं होती। नववर्ष की शुरूआत इसके 15 दिन बाद से होती है यानी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से। चैत्र मास का कृष्ण पक्ष बीत जाने के बाद नववर्ष का आरंभ माना जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं।

कब से शुरू होगा हिंदू नववर्ष?
इस बार हिंदू नववर्ष का आरंभ 22 मार्च, बुधवार से होगा। इस दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी और गुड़ी पड़वा का उत्सव मनाया जाएगा। साथ ही चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी इसी दिन से होगा। इसे विक्रम संवत कहते हैं। मान्यता है कि परमपिता ब्रह्मा ने इसी तिथि से सृष्टि का निर्माण करना प्रारंभ किया था। इसलिए इसी तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है।

क्या रहेगा नए सवंत्सर का नाम?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस समय विक्रम संवत 2079 चल रहा है, जिसका नाम नल है। 22 मार्च से विक्रम संवत 2080 शुरू हो जाएगा, जिसका नाम पिंगल रहेगा। इस नए साल के राजा बुध हैं और मंत्री शुक्र रहेंगे। नए साल के राजा बुध और मंत्री शुक्र के होने से ये साल शुभ फल देने वाला रहेगा।



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