28 जुलाई को श्रावण कृष्ण अमावस्या है। इस दिन हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। गुरुवार को पहले पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 02:11 से 03:50 तक रहेगा।
आज (30 अप्रैल, शनिवार) वैशाख मास की अमावस्या तिथि है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार ये तिथि शनिवार को होने से ये शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2022) कहलाएगी। इस दिन पितरों के साथ-साथ शनिदेव से संबंधित उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
आज (2 जनवरी, रविवार) पौष मास की अमावस्या तिथि है। हिंदू पंचांग में पितरों को समर्पित सभी दिनों में पौष महीने की अमावस्या का खास महत्व होता है। क्योंकि पौष का पूरा महीना ही पितरों को समर्पित होता है। इसे छोटा पितृ पक्ष भी कहा जा सकता है।
29 जून 2022, दिन बुधवार को आषाढ़ मास की स्नान-दान अमावस्या है। इस दिन सूर्योदय आर्द्रा नक्षत्र में होगा, जो रात को लगभग 9.20 तक रहेगा। बुधवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
इस बार 2 जनवरी, रविवार को पौष मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा जो शाम 4.37 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले मूल नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पू्र्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से शुभ नाम के योग बन रहे हैं।
हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya 2022) तिथि को बहुत ही खास माना गया है और इसे पर्व यानी त्योहार कहा जाता है। ये तिथि हर महीने के कृष्ण पक्ष के अंत में आती है। इसे पितरों की तिथि कहा जाता है।