यूपी निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट ने फैसला दे दिया है। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव के आदेश दे दिए है। राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए निकाय चुनावों के लिए 5 दिसम्बर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई। शनिवार को जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब 27 दिसंबर को कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।
यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद 24 दिसंबर अगली तारीख दी गई है। बता दें कि कल यानि की शनिवार को मामले पर फैसला नहीं आया तो सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी।
लोकसभा ने 19 दिसंबर को इस विधेयक को पास कर राज्यसभा को भेज दिया था। इस विधेयक को ट्राइबल अफेयर्स मिनिस्टर अर्जुन मुंडा ने पेश किया था। राज्यसभा ने गुरुवार को ध्वनिमत से संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया।
यूपी नगर निकाय चुनाव आरक्षण मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हो रही सुनवाई एक दिन के लिए और टल गई है। मामले पर कल यानि कि 22 दिसंबर को सुनवाई होगी। कोर्ट ने दोनों पक्षों से तैयारी कर आने के लिए कहा है।
यूपी के नगर निकाय चुनाव को लेकर कोर्ट में सरकार द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि वर्ष 2017 में अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। वहीं कोर्ट ने मामले पर 21 दिसंबर की डेट दी है।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 20 दिसंबर तक यूपी निकाय चुनाव में प्रस्तावित अन्तिम अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी है। वहीं राज्य सरकार ने यूपी निकाय चुनाव को लेकर हो रही सुनवाई पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है।
यूपी के निकाय चुनाव के लिए जिस सूची का इंतजार किया जा रहा था उसे जारी कर दिया गया है। बता दें कि 17 नगर निगम में 8 सीटों को मेयर पद के लिए अनारक्षित रखा गया है। वहीं महिलाओं के लिए तीन सीटें रिजर्व की गई हैं।
छत्तीसगढ़ में सोमवार को आरक्षण संशोधन विधेयक पास होगा। राज्यपाल अनुसुइया उइके इसे अपना हस्ताक्षर करके लागू करेंगी।
गहलोत सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा नियम में संशोधन को मंजूरी देने का बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है।