अब मुस्लिम समाज को आर्थिक आधार पर आरक्षण श्रेणी में रखा गया है। दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा में डाल दिया गया है।
यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण मामले को लेकर गठित ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपी। सरकार इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर चुनाव का अनुमति मांगेगी।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस और केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा कोई पार्टी नहीं है, यह आरएसएस का मुखौटा है। दोनों घोर आरक्षण विरोधी संगठन हैं।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जेडीयू लीडर गुलाम रसूल बलियावी की सेना में मुसलमानों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कुछ लोगों को बहुत कुछ बोलने की हैबिट होती है। वह इस पर जवाब मांगेंगे।
आरक्षण संशोधन विधेयक रोके जाने पर, सरकार की याचिका पर हाईकोर्ट ने राजभवन को नोटिस भेजा है। नये घटनाक्रम के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर पक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार तेज हो गया है।
यूपी निकाय चुनाव मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई की गई है। प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं चीफ जस्टिस ने बुधवार यानि कि 4 जनवरी को सुनवाई पर सहमति दी है।
यूपी में ओबीसी आरक्षण को लेकर गठित आयोग की टीम सभी जिलों का दौरा करेगी। निश्चित समय में सर्वेक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी। त्रुटिरहित डाटा के लिए ही टीम के द्वारा सभी जगहों पर जाकर सर्वे किया जाएगा।
यूपी निकाय में हाईकोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण रद्द करने के बाद यूपी सरकार ने इसके लिए 5 सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इस आयोग का कार्यकाल 6 माह का होगा। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट मे अपील दाखिल करने का निर्णय किया है।
यूपी निकाय चुनाव टलने को लेकर कई वजह सामने आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार द्वारा आयोग बनाकर आरक्षण तय करने के साथ-साथ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की वजह से चुनाव टल सकता है। हर बार निकाय चुनाव में स्थानीय निकाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अपना फैसला सुना दिया है। जिसके बाद से राज्य में निकाय चुनाव का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है। फैसले के बाद से पक्ष विपक्ष की बयानबाजी जारी है।