धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 10 जून, शुक्रवार को है। हालांकि पंचांग भेद होने के कारण कुछ स्थानों पर 11 जून, शनिवार को भी ये पर्व मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति एकादशी का व्रत करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
आज (26 मई, गुरुवार) ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। धर्म ग्रंथों में इसे अपरा और अचला एकादशी (Achala Ekadashi 2022) के नाम से जाना जाता है। ये तिथि बहुत विशेष है।
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा और अचला एकादशी (Achala Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 26 मई, गुरुवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है।
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को अचला एकादशी (Achala Ekadashi 2022, Apara Ekadashi 2022) कहते हैं। इसका एक नाम अपरा भी है। इस बार ये एकादशी 26 मई, गुरुवार को है।
पंचांग के अनुसार एक साल में 24 एकादशी होती है और जिस साल में अधिक मास होता है, उसमें 26 एकादशी तिथि होती है। इन सभी एकादशियों का अलग-अलग महत्व बताया गया है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 12 मई, गुरुवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर देवताओं का अमृत पिलाया था।
धर्म ग्रंथों में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में 2 एकादशी तिथि आती है। इस तरह साल में कुल 24 एकादशी होती हैं। ये सभी भगवान विष्णु को प्रिय है।
हिंदू पंचांग का दूसरा महीना वैशाख है। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। ये महीना 16 मई तक रहेगा। भगवान विष्णु को प्रिय होने के कारण इसे माधव मास भी कहते हैं।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक महीने में 2 बार एकादशी तिथि आती है। इस प्रकार एक साल में 24 एकादशी आती है। इनमें से हर एकादशी का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है।