धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण मास की एकादशी को कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 24 जुलाई, रविवार को है। धर्म ग्रंथों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये तिथि 28 मार्च, सोमवार को है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है, इसलिए इसे पापमोचनी एकादशी कहते हैं।
Saphala Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में हर तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हर तिथि के स्वामी अलग-अलग हैं। इसी क्रम में एकादशी तिथि के स्वामी स्वयं भगवान विष्णु हैं। इसलिए प्रत्येक एकादशी तिथि पर इनकी पूजा करने का विधान बनाया गया है।
Aaj Ka Panchang: 3 दिसंबर, शनिवार को रेवती नक्षत्र होने से प्रजापति (धाता) नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा इस दिन व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 09:36 से 10:56 तक रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 4 नवंबर, शुक्रवार को पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा व्याघात और हर्षण नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:47 से दोपहर 12:10 तक रहेगा।
Mokshada Ekadashi 2022 Upay: अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार इस तिथि को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद है। कुछ ज्योतिषियों का मत है ये तिथि 3 दिसंबर को तो कुछ का कहना है कि ये 4 दिसंबर को है।
Devuthani Ekadashi 2022: देवउठनी एकादशी, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये देवताओं के उठने का दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योगनिंद्रा के बाद जागते हैं और सृष्टि का संचालन अपने हाथों में लेते हैं।
6 अक्टूबर, गुरुवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा शूल और गंड नाम के योग भी इस दिन बन रहे हैं। राहुकाल दोपहर 01:42 से 03:10 तक रहेगा।
Aaj Ka Panchang: 6 सितंबर, मंगलवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग रहेंगे। इनके अलावा आयुष्मान और सौभाग्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। रविवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से उत्पात और उसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से मृत्यु नाम के 2 अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं।