यासीन मलिक (Yasin Malik) ने टेरर फंडिंग के एक मामले (Terror funding case) में एनआईए कोर्ट (NIA court) में अपना गुनाह कबूल कर लिया। मलिक को अधिकतम उम्रकैद की सजा मिल सकती है।
देशद्रोह के मामलों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या भविष्य में देशद्रोह के मामलों (sedition cases) के रजिस्ट्रेशन को तब तक के लिए स्थगित रखा जा सकता है जब तक कि कोर्ट देशद्रोह कानून के संबंध में पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेता।
वाराणसी में ज्ञानवापी सर्वे को लेकर माहौत गर्माता जा रहा है। अब कोर्ट कमिश्नर को बदलने की याचिका डाली थी, ज्िसको लेकर आज सुनवाई होना है। इस मामले की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर करेंगे।
यह मामला बांदा जनपद के बबेरू थाना क्षेत्र का है, जहां तैनात दरोगा शिवाजी मौर्य सुर्खियों में हैं. शिवाजी मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने अपने ही पुलिस विभाग की महिला कांस्टेबल के साथ शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए और उसके बाद लड़की को धोखा देकर दूसरी जगह शादी कर ली।
मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा-सरकार प्रदेश में होने वाले लोकल इलेक्शन बिना ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के कराए। साथ ही निर्देश दिए हैं कि 15 दिन के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।
पूर्व पत्नी ने कहा कि जिस आदमी से वह 2000 के दशक के मध्य में मिली थी, उसने घर के अंदर डायपर पहनना शुरू कर दिया था। वहीं अब तो वह घर से बाहर जाते समय भी डयपर पहनता है, ये डायपर अलग से दिखता भी है।
नोएडा के सीईओ रितु माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने साफतौर पर कह दिया है कि अगर हाईकोर्ट के आदेश का पालन वह नहीं करती हैं तो नतीजा झेलना पड़ेगा।
CAA और NRC के खिलाफ हुए आंदोलन के कारण चर्चाओं में आए दिल्ली के शाहीन बाग में 9 मई को अतिक्रमण हटाने बुलडोजर पहुंच गया है। यहां अगले 5 दिनों में अवैध दुकानों-मकान और अन्य अतिक्रमणों पर बुलडोजर चलेगा। इसकी तैयारियां पिछले कई दिनों से चल रही थीं। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस प्रदर्शन पर उतर आई है।
युवती का मतांतरण कर तीन बच्चों के बाप ने निकाह कर लिया था। युवती फिरोजाबाद में रहकर पढ़ाई कर रही थी लेकिन कोर्ट को बयान देने के बाद उसने अपने माता पिता के साथ रहने का फैसला सुनाया जिसके बाद कोर्ट ने आदेश दे दिया। लड़की माता पिता के साथ अपने घर चली गई।
एक ऐसा मामला जिसमें कोर्ट ने थानाधिकार को आदेश दिया की वो अपनी व उससे मामले में जुड़े सात अपराधियों के खिलाफ अपने ही पदस्थ थाने में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर सबूत कोर्ट में पेश करे।