20 अगस्त, रविवार को हस्त नक्षत्र पूरे दिन रहेगा, जिससे मानस का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, साध्य और शुभ नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 05:16 से 06:51 तक रहेगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi) कहते हैं। इस बार ये तिथि 20 फरवरी, रविवार को है।
आज (4 फरवरी, शुक्रवार) माघ मास की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) का व्रत किया जाता है। इस व्रत में महिलाएं दिन भर कुछ भी नहीं खाती और शाम को पहले भगवान श्रीगणेश और बाद में चंद्रमा की पूजा कर व्रत खोलती है यानी भोजन करती हैं।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायकी चतुर्थी (Vinayaki Chaturthi 2022) कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन को माघी गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी या तिलकुंड चतुर्थी भी कहा जाता है। इस बार विनायकी चतुर्थी 4 फरवरी, शुक्रवार को है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष महीने की संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ चौथ कहा गया है। ये व्रत साल 2021 के जनवरी महीने में 2 तारीख को भी किया गया था और अब 22 दिसंबर को भी ये व्रत किया जाएगा। इस साल के अंग्रेजी कैलेंडर में पौष महीना दो बार आने से ऐसी स्थिति बनी।
7 दिसंबर, मंगलवार को अगहन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से ये अंगारक चतुर्थी कहलाएगी। अंगारक चतुर्थी का योग साल में कई बार बनता है, लेकिन ये योग इस बार बहुत खास है क्योंकि इस समय मंगल और राहु का दृष्टि संबंध होने से ग्रहों का अंगारक योग भी बन रहा है।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये तिथि 24 सितंबर, शुक्रवार को है। इसे विघ्नराज चतुर्थी भी कहा जाता है। चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान श्रीगणेश हैं। इसलिए इस दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश की ही पूजा की जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस बार यह व्रत 27 जून, रविवार को है।
महीने में 2 बार चतुर्थी व्रत किया जाता है। कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकटा और शुक्लपक्ष वाली को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस बार माघ महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी 15 फरवरी को आ रही है।
भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत किया जाता है, इसे गणेश चतुर्थी व्रत कहते हैं। इस बार यह व्रत 5 अक्टूबर, सोमवार को है। अधिक मास होने की वजह से इस व्रत का महत्व और भी बढ़ गया है।