कुछ लोगों की आदत होती है कि वे गुस्से में आकर किसी को कुछ भी बोल देते हैं, बाद में गलती का अहसास होने पर माफी भी मांग लेते हैं। ऐसा करके उन्हें लगता है कि उन्होंने अपनी गलती सुधार ली है, जबकि ऐसा होता नहीं है।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के लिए अब समय मुश्किल भरा चला हुआ है। रोडरेज मामले में सिद्धू की सज़ा बढ़ाने से जुड़ी एक अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला करते हुए आदेश अपने पास सुरक्षित रख लिया है।
योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य हैं, जो आज भी कम ही लोगों को पता है। 22 साल की उम्र में उन्होंने सांसारिक जीवन त्याग दिया था। 1993 में वे गुरु गोरखनाथ (Guru Gorakhnath) पर रिसर्च करने गोरखपुर आए थे।
Uttrakhand CM 2022: पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने पहली बार जुलाई 2021 में उत्तराखंड (Uttrakhand) के तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) के इस्तीफा देने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी और अब करीब दस महीने बाद चुनाव हारने के बावजूद दूसरी बार भाजपा ने उन पर भरोसा जताया है।
शिवानंद बाबा वाराणसी के रहने वाले है और उनकी उम्र 126 साल है। शिवानंद बाबा को राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया राष्ट्रपति भवन में जैसे ही बाबा का नाम लिया गया उन्होंने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शीश नवाया उसके उपरांत राष्ट्रपति को शीश नवाया। बाबा की आयु और शरीर की फूर्ति देख राष्ट्रपति भवन सहित पूरा देश आश्चर्यचकित रह गया।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवताओं के गुरु बृहस्पति हैं। इसलिए इन्हें देवगुरु भी कहा जाता है। इनसे संबंधित अनेक कथाएं पुराणों में पढ़ने को मिलती हैं। बृहस्पति ब्रह्माजी के मानस पुत्र महर्षि अंगिरा के सबसे पहले पुत्र बताए गए हैं। इनके दो अन्य भाइयों के नाम उतथ्य और संवर्त है।
जब इस चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त हार मिली तो इसके लिए बहुत हद तक सिद्धू के आक्रामक रवैये को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे रिजाइन मांग लिया। अब सवाल यह है कि सिद्धू करेंगे क्या? उनके सामने अब ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे दूसरे लोगों और चीजों को बेकार समझते हैं और उनकी उपेक्षा करते रहते हैं। जबकि सच्चाई इससे उलट भी होती है। जो लोग किसी काम के नहीं लगते, वे अवसर आने पर बहुत काम के निकलते हैं।
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे अच्छाई में भी बुराई खोज लेते हैं। उनका ध्यान लोगों की अच्छाइयों से ज्यादा उनकी बुराइयों पर जाता है। जब कोई व्यक्ति अच्छा काम कर रहा होता है तो भी ऐसे लोग उसमें खराबी ढूंढ लेते हैं।
इस साल के पहले विवाह सीजन का आखिरी शुभ लग्न 22 फरवरी को रहेगा। इसके बाद 23 तारीख को देव गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। इस वजह से अगले दो महीने शादियां नहीं होंगी। फिर अप्रैल से विवाह मुहूर्त रहेंगे।