अफगानिस्तान में सत्ता काबिज होने के बाद तालिबान ने सोचा था कि चीन उनकी खूब मदद करेगा, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। दरअसल, चीन ने अफगानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने और बहुमूल्य खनिजों की तलाश में यहां मौके तलाशने शुरू कर दिए थे, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई खास काम नहीं हुआ है।