2020 के गालवान संघर्ष के बाद से चीन और भारत के रिश्तों के बीच तनातनी बनी हुई है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि चीन विवादित सीमा क्षेत्रों पर स्थायी नियंत्रण हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से घुसपैठ कर रहा है।
चीन ने हाल में अपने अंतरिक्ष स्टेशन तक सामान की आपूर्ति के लिए कार्गो स्पेसक्राफ्ट (Cargo Spacecraft) लांच किया है। तियानझोउ-5 नामक यह स्पेसक्राफ्ट चीन के स्पेस स्टेशन तक जरूरी सामान की आपूर्ति करेगा। जानकारी के अनुसार यह प्रक्षेपण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
ताइवान से चल रहे तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को युद्ध के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। 69 साल के जिनपिंग ने चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने अस्थिरता का खतरा बढ़ने की बात कहते हुए जंग लड़ने और सेना की क्षमता बढ़ाने की बात कही।
पिछले साल जब यह रैंकिंग जारी की गई थी। तब पहली पोजिशन नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर को मिली थी। जिसे पछाड़ते हुए चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी ने इस स्थान पर कब्जा कर लिया है। अब नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर दूसरे स्थान पर खिसक गया है।
2017 के बाद अरुणाचल की सियांग नदी(Siang river) पर फिर से संकट आया है। इसका पानी गंदा हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि चीन में संभावित कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के चलते ऐसा हुआ है। इस मामले से सीमावर्ती राज्य में लोग चिंतित हैं।
भारत का पड़ोसी चीन अक्सर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास आक्रामक रुख दिखाता है। ऐसे में चीन को करारा जवाब देने के इरादे से अब भारतीय सेना ने उत्तराखंड के औली में ऊंचाई वाले क्षेत्र में फॉरेन ट्रेनिंग नोड बनाया है। भारत यहां अपने मित्र देशों के साथ मिलकर संयुक्त युद्धाभ्यास करेगा।
भारतीय दूतावास की तरफ से चीन के अधिकारियों और मेडिकल कॉलेजों से अपील की गई है कि क्लिनिकल मेडिसिन की पढ़ाई करने चीन आने वाले भारतीय छात्रों को सभी तरह की सुविधाएं दी जाएं ताकि वे एनएमसी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा कर सकें।
अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन बार्डर से पिछले तीन महीने से लापता दो भारतीय युवकों का अब तक पता नहीं चल सका है। आशंका है कि वे गलती से चीन बॉर्डर क्रॉस कर गए। उन्हें चीन सेना ने बंदी बना लिया है।
'गलवान घाटी संघर्ष-2020' में भारतीय सैनिकों के साथ हुई खूनी झड़प में मारे गए चीनी सैनिकों को याद करते हुए चीन ने शिनजियांग और तिब्बत प्रांतों को जोड़ने वाले हाइवे से लगे पुलों और गांवों का नाम उनकी नाम पर रखा है। इनमें से कुछ हिस्से अक्साई चिन से होकर गुजरते हैं।
दूसरे देशों में जाकर फिर चीन की यात्रा करना अत्यधिक महंगा भी है। भारतीय यात्री इस समय श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार के रास्ते चीन की यात्रा कर रहे हैं जिसके लिए हवाई किराए में भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है।