शनिवार को बिहार के औरंगाबाद में छठ पूजा के दौरान भगदड़ मच गई। जिससे 2 बच्चों की मौत हो गई। साथ ही कई लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है। हादसा देव प्रखंड मुख्यालय स्थित सूर्यकुंड के पास हुआ है। पुलिस जांच कर रही है कि भगदड़ किस वजह से हुई। इस बीच जिले के डीएम राहुल रंजन महिवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया और इस घटना को अफसोसजनक बताया है। अधिकारियों के मुताबिक क्षमता से ज्यादा भीड़ हो जाने की वजह से यह अफरातफरी मची है।
धर्म ग्रंथों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की रोशनी से ही जीवन संभव है इसलिए पंचदेवों में इनकी पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाती है। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना हिंदू धर्म की परंपरा में शामिल है।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ पूजा है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी देवी प्रमुख मातृ शक्तियों का ही अंश स्वरूप है। ब्रह्मवैवर्तपुराण के प्रकृतिखण्ड के अनुसार, परमात्मा ने सृष्टि की रचना के लिए स्वयं के शरीर को दो भागों में विभक्त कर लिया।
इस साल 31 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ छठ के महापर्व की शुरुआत हो रही है। यह व्रत बिहार के लोग बड़ी संख्या में मनाते हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस व्रत में सूर्य की आराधना की जाती है। इसमें व्रत करने वाले 48 घंटे से भी ज्यादा कुछ भी नहीं खाते-पीते। ऐसे में, पहले से उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है।
Chhath Puja Upay: ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से दो ग्रह हमें प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं- सूर्य और चंद्रमा। सूर्य को सौर मंडल का राजा भी कहा जाता है। इस ग्रह का जितना महत्व ज्योतिष में है, उतना ही धर्म में भी है।
Aaj Ka Panchang: 30 अक्टूबर, रविवार को पहले मूल नक्षत्र होने से सिद्धि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से शुभ नाम के योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Chhath Puja 2022: छठ पूजा उत्तर भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस व्रत में मुख्य रूप से सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस दौरान लाखों व्रती (व्रत करने वाले) श्रद्धापूर्वक कठोर नियमों का पालन करते हुए व्रत-उपवास करते हैं।
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2021) की षष्ठी तिथि (इस बार 11 अक्टूबर, सोमवार) की प्रमुख देवी मां कात्यायनी हैं। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था।