चन्दन एक पवित्र, उपयोगी एवं सुंगधित लकड़ी है। इसका उपयोग अनेक धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ आदि में किया जा सकता है।
हमारे सपनों की दुनिया वास्तविक दुनिया से काफी अलग है। इसमें वह सब कुछ देख सकते हैं जो वास्तविक दुनिया में होता ही नहीं है जैसे- मुर्दे से बात करना। इस प्रकार के सपने भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं से हमें सूचित करते हैं।
हर कोई यही चाहता है कि धन की देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उस पर बना रहे। इसके लिए वह पूरे विधि-विधान से भगवान को मनाने में जुटा रहता है तो कभी दान-धर्म कर पुण्य कमाता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजन स्थान पर उचित रोशनी का होना भी बहुत जरुरी है। ये भी वास्तु का एक नियम है, जिससे माता लक्ष्मी शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाती हैं।
17 अक्टूबर से शुरू हुई नवरात्रि 25 अक्टूबर तक रहेगी। इस दिन यानी रविवार को सुबह नवमी और दोपहर से दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस कारण देश में कई जगहों पर इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा।
भारतीय ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है। पंचक के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं।
1 अक्तूबर को नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राज्य में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। तीन चरणों में नामांकन की प्रक्रिया 20 अक्तूबर तक चलेगी। कई उम्मीदवार शुभ मुहूर्त में ही नामांकन करना चाहते हैं।
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु पाप ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है। 22 सितंबर की रात से राहु राशि बदलकर मिथुन से वृष राशि में आ चुका है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रात में जन्म लेने वाले और दिन में जन्म लेने वाले लोगों में काफी अंतर होता है। रात में जन्मे लोग ज्यादा जोखिम लेते है, वहीं दिन में जन्म लेने वाले लोग काम के प्रति ज्यादा ईमानदार होते हैं।
हिंदू धर्म में पूजन में दीपक का विशेष महत्व है। बिना दीपक के पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती हैं। पूजन के साथ-साथ दीपक का प्रयोग ज्योतिष उपायों में भी किया जाता हैं।
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की हथेली की बनावट, उस पर बनने वाली रेखाओं और निशानों से व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। हथेली की रेखाओं के अलावा उंगलियों की बनावट से भी भविष्य जाना जा सकता है।