कोरोना संक्रमण के चलते अपने मां-बाप खो चुके बच्चों की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई को लेकर केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य गंभीरता से काम कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली और बंगाल सरकार के रवैये से सुप्रीम कोर्ट सख्त नाराज है। राष्ट्रीय बाल आयोग पहले ही इन दोनों सरकारों को असंवेदनशील कह चुका है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी एक ट्वीट किया है।
Monoclonal antibody cocktail ट्रीटमेंट से मिल रही सफलता से मेडिकल फ्रेटरनिटी में काफी उत्साह है क्योंकि कोरोना को मारने में यह सबसे सफल रेमेडी साबित हो रहा है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई बच्चों को अपने माता-पिता खोने पड़ गए। ऐसे अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परवरिश को लेकर कई राज्यों ने सार्थक पहल की है। लेकिन इस मामले में पश्चिम बंगाल और दिल्ली के रवैये को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग(NCPCR) ने नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने दोनों राज्यों के रवैये को असंवेदनशील बताया है।
दिल्ली में रविवार को कोरोना के 381 केस सामने आए। यह 15 मार्च के बाद एक दिन में मिले सबसे कम केस हैं। वहीं, 5 जून की तुलना में भी कोरोना की स्थिति में और सुधार देखने को मिला है, तब दिल्ली में 414 केस मिले थे, वहीं, 60 लोगों की मौत हुई थी।
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 500 से कम केस सामने आए हैं। यहां शनिवार को 414 केस मिले। यह राजधानी में 15 मार्च के बाद सबसे कम केस हैं। उस दिन सिर्फ 368 संक्रमण के केस मिले थे।
कोरोना की दूसरी लहर सिर्फ मरीजों के लिए ही नहीं, बल्कि डॉक्टरों के लिए भी घातक साबित हुई है। दूसरी लहर में अब तक 646 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने शनिवार को दी।
कोरोना संक्रमण को रोकने विभिन्न राज्य अपने-अपने स्तर पर कई ठोस कदम उठा रहे हैं। इनमें लॉकडाउन और अन्य पाबंदियां भी हैं। हालांकि अब नये केस कम आ रहे हैं, लिहाजा कई राज्यों ने कुछ शर्तों के साथ अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आइए जानते हैं संक्रमण को रोकने और गाइड लाइन का पालन कराने विभिन्न राज्य क्या कोशिशें कर रहे हैं, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए क्या प्रयास हो रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर में दिल्ली पुलिस के पांच हजार से अधिक जवान संक्रमण के शिकार हुए। सुरक्षा में लगे इन फ्रंटलाइन वर्कर्स को बेड के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, बहुतों को बेड तक नसीब नहीं हुआ।
दिल्ली में कोरोना से हुई मौतों पर भाजपा ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिल्ली सरकार पर कोरोना से हुईं मौतों का आंकड़ा छुपाने का आरोप लगाया है। पात्रा ने दिल्ली सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की है। भाजपा ने दिल्ली में संक्रमण से 35000 से अधिक मौतें होने की बात कही है। आरोप है कि केजरीवाल सरकार ने झूठे आंकड़े पेश करके इन्हें कम बताया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दावा किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहली बार राजधानी में 1000 से कम केस सामने आए हैं। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 900 कोरोना केस सामने आए हैं।