मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान नागचंद्रेश्वर का प्राचीन मंदिर है, जिसके दर्शन के लिए एक दिन पहले ही लंबी कतारें लग जाती हैं।
विज्ञान अनुसार सांप मनुष्य का शत्रु नहीं बल्कि मित्र है, नागपंचमी पर सांप को देवता मानकर उनकी पूजा की जाती है।
सोमवार को देशभर में नागपंचमी मनाई गई। मध्य प्रदेश के बैतूल में इस मौके पर एक प्राचीन मंदिर में अजब सीन देखने को मिला। यहां शिव लिंग पर घंटों एक सांप लिपटा बैठा रहा। यह देखकर वहां लोगों की भीड़ लग गई।
मान्यता अनुसार जो भी नागपंचमी पर श्रद्धा व भक्ति से नागदेवता की पूजा करता है उसे और उसके परिवार को कभी भी सर्प भय नहीं होता।
जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष हो, वे अगर नागपंचमी पर कुछ उपाय व पूजा करें तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है तथा इस दोष के दुष्प्रभाव में कमी आती है।
इस बार नागपंचमी 5 अगस्त, सोमवार को है। हिंदू धर्म में नागों को देवों समान माना गया है और इस दिन नागों की पूजा करने की परंपरा है।
सावन सोमवार और नागपंचमी के संयोग को संजीवनी महायोग कहा जाता है।
महाभारत के आदि पर्व में नागों की उत्पत्ति और राजा जनमेजय द्वारा किए गए नागदाह यज्ञ से संबंधित कथा का वर्णन है।