इंटेलिजेंस अधिकारियों के मुताबिक अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि भागचंद के कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। जासूस को भारत की नागरिकता 6 साल पहले ही मिल चुकी थी। जिसके बाद वह भारत में रहकर जासूस तैयार कर रहा था।
CAA 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और अगले दिन अधिसूचित किया गया था। केंद्र सरकार ने अभी तक अधिनियम के लिए नियम नहीं बनाए हैं। हालांकि पूर्वोत्तर राज्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों से मुखर मांग की गई है। शाह ने कहा है कि विपक्षी दलों के जोरदार विरोध के बावजूद सीएए को लागू किया जाएगा।
भारतीयों द्वारा अमेरिकी नागरिकता पाने में नया रिकार्ड बना है। इस समय अमेरिकी नागरिकता पाने वाले देशों की सूची में दूसरे नंबर पर है।
हॉकी के जादूगर ध्यान चंद ने दिखाया था कि भारतीय किसी मामले में अंग्रेजों से कम नहीं हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने तीन बार ओलंपिक गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। फाइनल में जर्मनी को हराने के बाद हिटलर ने ध्यान चंद को अपने देश की नागरिकता और जॉब का ऑफर दिया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पश्चिम बंगाल में कहा कि कोविड महामारी (Covid pandemic) खत्म होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा।
आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा और उंगलियों के निशान और एक फोटो के रूप में अपना बायोमेट्रिक डेटा प्रदान करना होगा। यूक्रेनी शरणार्थी एक साथ वर्क और स्टडी परमिट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव(uttarakhand assembly elections 2022) के लिए वोटिंग से 2 दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Pushkar Singh Dhami) ने समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code) के लिए ड्राफ्ट तैयार करने का ऐलान किया है। यह घोषणा ऐसे वक्त में भी की गई है, जब कर्नाटक से उठा हिजाब का विवाद देशभर में फैलता जा रहा है।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 में संसद से पारित हो चुका है, इसके बाद भी यह देश में लागू नहीं हो पाया है। इसके तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित अल्पसंख्यक हिंदू, जैन, सिख, पारसी और ईसाइयों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
संसद के सत्र (Parliament Winter Session ) में सरकार लोकसभा और राज्यसभा में सवालों के जवाब दे रही है। इसी क्रम में उसने बताया है कि पांच साल में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है।
गृह मंत्रालय ने गैर-मुस्लिमों के भारतीय नागरिकता देने की अधिसूचना से गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा के 13 जिलों में रह रहे अफगानिस्ताान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक भारत में नागरिकता के लिए आवेदन के हकदार हो जाएंगे।