कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। इस दिन बैकुंठाधिपति भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार यह पर्व 11 नवंबर, सोमवार को है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवप्रबोधिनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार महिनों की नींद से जागते हैं।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ पूजा है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है।
कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस बार ये पर्व 27 अक्टूबर, रविवार को है।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत करती हैं।
इस बार 13 अक्टूबर, रविवार को शरद पूर्णिमा है। धर्म शास्त्रों में इसे कोजागर पूर्णिमा भी कहा गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी पर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का अंत किया था।
आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 8 अक्टूबर को है।
गुजरात के पंचमहल जिले में पावागढ़ पहाड़ी पर बना देवी मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। यहां दक्षिणमुखी काली मां की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर पावागढ़ की ऊँची पहाड़ियों के बीच लगभग 550 मीटर की ऊंचाई पर है।