हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना गया है। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के भोग में तुलसी के पत्ते जरूर डाले जाते हैं।
जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में जाता है तो मकर संक्रांति (15 जनवरी) का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन मकर संक्रांति का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में माघ मास स्नान, तप व उपवास के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकटा गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इसे तिल चतुर्थी भी कहते हैं।
इस बार 11 जनवरी, शनिवार को शनि पुष्य का शुभ योग बन रहा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार इस शुभ योग में अगर शनिदेव की पूजा और आरती की जाए तो शुभ फल मिलते हैं और शनिदेव को प्रकोप से भी बचा जा सकता है।
प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान श्रीगणेश को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस बार ये व्रत 29 दिसंबर, रविवार को है।
मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को भगवान दत्तात्रेय की जयंती का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था।
धर्म ग्रंथों के अनुसार दत्तात्रेय भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों के अनुसार इन्होंने चौबीस गुरुओं से शिक्षा प्राप्त की थी।
मार्गशीर्ष यानी अगहन मास भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का महीना है। इस मास में श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना का काफी महत्व है।
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालभैरव अष्टमी कहते हैं। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने इसी दिन कालभैरव अवतार लिया था।