Akshaya Tritiya 2024 Date: अक्षय तृतीय बहुत ही शुभ तिथि है। धर्म ग्रंथों और ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा करने से घर में कभी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती।
Ravi Pradosh 2024: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए हर महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत दोनों पक्षों (शुक्ल और कृष्ण) की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। इस व्रत का महत्व अनेक ग्रंथों में बताया गया है।
Varuthini Ekadashi 2024: धर्म ग्रंथों के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी मई 2024 में है। इसका महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताई गई है।
Vikat Sankashti Chaturthi 2024 Date: धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में 4 बड़ी चतुर्थी होती है। इन चारों चतुर्थी तिथियों पर भगवान श्रीगणेश का विशेष पूजन किया जाता है। अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में भी बड़ी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा।
Kab Hai Hanuman Jayanti 2024: हर साल चैत्र महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसे हनुमान जयंती भी कहते हैं। इस बार ये पर्व अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में मनाया जाएगा।
Kamda Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है और व्रत भी किया जाता है। इस बार अप्रैल महीने में कामदा एकादशी का व्रत किया जाएगा।
Chaitra Navratri 2024 Frist Day Puja Devi Shailputri: धर्म ग्रंथों में देवी के 9 रूप बताए गए हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन की देवी शैलपुत्री हैं।
Somvati Amavasya 2024 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। जब अमावस्या तिथि सोमवार को होती है ये इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। इसका महत्व सबसे अधिक माना गया है। साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है।
Gangaur Teej 2024 Date: चैत्र मास में नवरात्रि के दौरान गणगौर तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती की पूजा का विधान है। वैसे तो ये राजस्थान का लोक उत्सव है, लेकिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
Kab Hai Shani Pradosh Vrat April 2024: हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अनेक व्रत बनाए गए हैं, शनि प्रदोष भी इनमें से एक है। ये व्रत दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।