इस बार 21 फरवरी, शुक्रवार को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस बार ये एकादशी 19 फरवरी, बुधवार को है।
10 फरवरी, सोमवार से हिन्दी पंचांग का अंतिम माह फाल्गुन शुरू हो गया है। फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
मान्यता है कि धन संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। महालक्ष्मी की पूजा से कुंडली के कई ग्रह दोष भी दूर हो सकते हैं।
इस बार 21 फरवरी, शुक्रवार को महाशिवरात्रि है। इस दिन भगवान शिव के सार्थ देवी पार्वती की भी पूजा करनी चाहिए।
इस बार 9 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को भीष्म अष्टमी कहते हैं। इस तिथि पर व्रत करने का विशेष महत्व है। इस बार यह व्रत 2 फरवरी, रविवार को है।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व 30 जनवरी, गुरुवार को है।
28 जनवरी, मंगलवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। मंगलवार को चतुर्थी होने से इस बार अंगारक चतुर्थी का योग बन रहा है।
23 जनवरी, गुरुवार की रात शनिदेव धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि परिवर्तन का असर सभी राशियों पर होगा।