यादव समाज का कहना है कि 1962 के युद्ध में कुल 114 सैनिक शहीद हुए थे, जिनमें से 112 यादव थे। इन सैनिकों ने चीन के सैंकड़ों सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। इसलिए सम्मान स्वरूप अहीर रेजिमेंट बनाई जानी चाहिए। वहीं, मोदी सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि जातियों के नाम पर अब कोई नई रेजिमेंट नहीं बनाई जाएगी।