बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बिहार के नवादा जिले के एसपी प्रंतोष कुमार सिंह का एक वीडियो जमकर शेयर हो रहा है। इस वीडियो में एसपी साहब मीडिया से बात करते हुए जाम को समाप्त करने वाले तरीकों को बता रहे हैं। वीडियो देक यकीन करना मुश्किल है कि ये कोई फिल्मी सीन नहीं है।
पूर्व जदयू नेता पोलिटकल रिसर्च कंपनी आई पैक के संचालक प्रशांत किशोर ने बीते दिनों जदयू से नाता तोड़ दिया है। जदयू का साथ छोड़ने के बाद पीके ने बात बिहार की नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की। शुरुआती रुझान में उनका यह कार्यक्रम हिट साबित होते दिख रहा है।
अफीम एक मादक पद्वार्थ है। भारत में इसकी खेती करना, इसका सेवन करना, बेचना या इससे जुड़ी किसी भी प्रकार के कारोबार में संलिप्त होना दंडनीय अपराध है। इसके बाद भी कई स्थलों पर चोरी-छिपे अफीम की खेती की जाती है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से दिल्ली में आयोजित हुनर हाट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के प्रसिद्ध व्यजंन लिट्टी-चोखा का आनंद उठाया था। अब मोदी के लिट्टी-चोखा खाने पर राजनीति शुरू हो चुकी है।
' नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते।
कहा जा रहा है कि दिल्ली के बाद प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के लिए काम करेंगे। उनके आप में शामिल होने की चर्चा भी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद एक बार फिर आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पटल पर पैर जमाने की कोशिश में जुट गई है। इसी क्रम में आप जल्द ही पूरे देश में जन अभियान चलाएगी। पार्टी का लक्ष्य करीब 1 करोड़ नए सदस्य बनाने पर है।
दिल्ली चुनाव में हार का सामना करने के बाद बिहार चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि पार्टी नेताओं को विवादित बयान देने से बचना चाहिए। पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को इस तरह के बयान देने के प्रति आगाह किया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से उसके ‘‘विभाजनकारी एजेंडे और 15 साल के कुशासन’’ के खिलाफ मुकाबला करने के लिए तैयार है।
केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा नेता रामविलास पासवान ने कहा कि इस साल के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव स्थानीय विकास के मुद्दों पर लड़ा जाएगा और चुनाव में भाषा पर संयम बनाए रखना चाहिए।