ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह के लिए गुरु ग्रह का अनुकूल होना अनिवार्य है। जिनकी कुंडली में गुरु अशुभ स्थान पर होता है, उन लोगों के विवाह में बहुत परेशानियां आती हैं।
वैशाख मास की पूर्णिमा पर कूर्म जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म (कछुए) का अवतार लिया था तथा समुद्र मंथन में सहायता की थी।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह चतुर्दशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था।
मनुष्य के जीवन में परेशानियां आती-जाती रहती हैं। कुछ समस्या थोड़े समय के लिए आती हैं और चली जाती हैं जबकि कुछ समस्याएं लंबे समय तक परेशान करती हैं।
इस बार 9 अप्रैल, गुरुवार से वैशाख मास शुरू हो चुका है, जो 7 मई, गुरुवार तक रहेगा। हिंदू नववर्ष का यह दूसरा महीना है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहते हैं। यह एकादशी सभी पापों का नाश करने वाली है। इस बार यह एकादशी 20 मार्च, शुक्रवार को है।
इस बार 14 मार्च, शनिवार से मल मास शुरू होगा, जो 14 अप्रैल, मंगलवार तक रहेगा। ये मास भगवान विष्णु को विशेष रूप से प्रिय है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब मीन राशि में होता है तो उस समय को खर मास कहते हैं। इस बार 14 मार्च, शनिवार को सूर्य के मीन राशि में जाते ही खर मास शुरू हो जाएगा, जो 13 अप्रैल, सोमवार तक रहेगा।
इस बार 9 फरवरी, रविवार को माघ मास की पूर्णिमा है। इसे माघी पूर्णिमा कहते हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और लाइफ में पॉजिटिविटी बनी रहती है।