चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि को भगवान चित्रगुप्त (Lord Chitragupta) की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 20 मार्च, रविवार को है। भगवान चित्रगुप्त यमराज के सहायक हैं और मनुष्यों के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं। ये कायस्थ समाज के आराध्य देवता भी हैं।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज (Holi Bhai Dooj 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसे होली की दूज कहा जाता है। इस दिन भी बहनें अपने भाई को घर बुलाकर भोजन करवाती हैं और तिलक निकालकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। इस बार ये पर्व 20 मार्च, रविवार को है।
आज यानी 12 फरवरी, शनिवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इसे जया, अजा और भीष्म एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
हिंदू पंचांग के 11वें महीने माघ में तिल से जुड़े कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं जैसे मकर संक्रांति, तिल चतुर्थी, षटतिला एकादशी और तिल द्वादशी (Til Dwadashi 2022)। इनके अलावा इस महीने की अमावस्या तिथि पर भी तिल दान करने का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों में आने वाली त्रयोदशी तिथि को बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 29 जनवरी, शनिवार को है।
माघ महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी और द्वादशी तिथि पर भगवान विष्णु की तिल से पूजा करने की परंपरा है। इन दो दिनों में सुबह जल्दी उठकर तीर्थ-स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा होती है।
हिंदू पंचांग का 11वां महीना यानी माघ मास 18 जनवरी, मंगलवार से शुरू हो गया है। जो कि 16 फरवरी, बुधवार तक रहेगा। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने और नदी में नहाने का महत्व बताया गया है।
हिंदू पंचांग के ग्यारहवें महीने माघ का प्रारंभ 18 जनवरी, मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के साथ हो रहा है। माघ मास का समापन 16 फरवरी को दांडारोपिणी पूर्णिमा के साथ होगा। यह पूरा माह स्नान, दान आदि के लिए अति उत्तम माना गया है।
17 जनवरी, सोमवार को पौष महीने का आखिरी दिन रहेगा। यानी इस दिन पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इसका बहुत ही महत्व है। साधु-संतों के लिए ये विशेष पर्व होता है। इस दिन कई संत तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। इनके साथ ही अन्य लोग भी नदियों में डूबकी लगाते हैं।
इस बार 13 जनवरी, गुरुवार को पौष महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी है। इसे पवित्रा और पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi 2022) कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा की परंपरा है।