सार
हिंदू पंचांग के ग्यारहवें महीने माघ का प्रारंभ 18 जनवरी, मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के साथ हो रहा है। माघ मास का समापन 16 फरवरी को दांडारोपिणी पूर्णिमा के साथ होगा। यह पूरा माह स्नान, दान आदि के लिए अति उत्तम माना गया है।
उज्जैन. पूरे माघ मास में पवित्र नदियों में नित्य प्रतिदिन स्नान करके दान-दक्षिणा देने का विशेष महत्व होता है। माघ मास में लोग नदियों के तट पर रहकर कल्पवास भी करते हैं। इस माह में अनेक व्रत, पर्वो का शुभ संयोग बनेगा। माघ माह में देवी आराधना का पर्व गुप्त नवरात्र भी आएगा। गुप्त नवरात्र 2 से 10 फरवरी तक रहेगा। आगे जानिए माघ मास का महत्व और इस महीने में कब, कौन-सा पर्व मनाया जाएगा…
माघ मास का महत्व
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार माघ मास का महत्व काफी अधिक है। अभी ठंड का समय है, लेकिन रोज सुबह पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए काफी लोग पहुंचते हैं। मान्यता है कि जो लोग इस माह में तीर्थ स्नान करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और अक्षय पुण्य मिलता है। माघ मास के संबंध में माना जाता है कि इस माह में स्वयं भगवान विष्णु गंगाजल में वास करते हैं। जो लोग माघ मास में गंगा स्नान करते हैं, जाप और दान-पुण्य करते हैं, उन्हें विष्णु जी की विशेष कृपा मिल सकती है।
माघ मास के व्रत-त्योहार
18 जनवरी : सर्वार्थसिद्धि योग प्रात: 6.42 से 7.13 तक
19 जनवरी : शनि अस्त प्रात: 8.26
21 जनवरी : संकट चतुर्थी व्रत, चंद्रोदय रात्रि 9.13 बजे
25 जनवरी : कालाष्टमी, रामानंदाचार्य जयंती
26 जनवरी : गणतंत्र दिवस, महापात दोष
28 जनवरी : षटतिला एकादशी
29 जनवरी : शुक्र मार्गी दोपहर 2.15 से, बुध उदय पूर्व में प्रात: 9.50
30 जनवरी : प्रदोष व्रत
1 फरवरी : मौनी अमावस्या, प्रयागराज में गंगास्नान
2 फरवरी : गुप्त नवरात्र प्रारंभ, द्वितीया का क्षय
3 फरवरी : गौरी तृतीया
4 फरवरी : वरद तिलकुंद चतुर्थी, बुध मार्गी प्रात: 9.45
5 फरवरी : बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, खटवांग जयंती
7 फरवरी : नर्मदा जयंती, रथ-आरोग्य सप्तमी
8 फरवरी : दुर्गाष्टमी, भीष्माष्टमी
10 फरवरी : गुप्त नवरात्र पूर्ण
12 फरवरी : जया एकादशी, सूर्य कुंभ राशि में रात्रि 3.26 से
13 फरवरी : भीष्म द्वादशी
14 फरवरी : प्रदोष व्रत, विश्वकर्मा जयंती
16 फरवरी : दांडारोपिणी पूर्णिमा, माघ स्नान समाप्त
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