योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हिरण्यकश्यप भी यही चाहता था कि प्रहलाद जो उनका पुत्र है वह भगवान विष्णु को कैसे मान सकता हैं। वह चाहता था भगवान की जगह उसकी पूजा हो। ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देना, राष्ट्र की सत्ता को चुनौती देना, सामान्य नागरिकों की भावनाओं का अनादर हिरण्यकश्यप औऱ होलिका की प्रवृत्ति हो सकती है।