राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को संघ कार्यकर्ताओं से कोरोना वायरस को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा, यह महामारी नई है। इसने कहर मचाया है। लेकिन हमें इससे डरना नहीं है। हमें आत्मविश्वास और योजना के साथ इससे लड़ना है। इस दौरान उन्होंने पालघर में संतों की हत्या को लेकर पुलिस पर निशाना साधा।
संत सुशील गिरी के दो भाई मुंबई में ही रहते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते वे अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके। सुशील की मौत से उनके परिवार व गांव में हर कोई गमगीन है। सभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया और जानकारी ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंत्रालय ने राज्य सरकार ने इस वीभत्स घटना पर रिपोर्ट तलब की है।
माकपा ने कहा कि भागवत के संबोधन से आरएसएस की फासीवादी विचारधारा उजागर हुई है। पार्टी ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाओं को अपवाद बताने वाले भागवत के बयान से आरएसएस के दोहरे मानदंड साबित हो गए हैं।
नागपुर में आरएसएस की विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि भारतीय प्ररिपेक्ष्य में लिंचिग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। भागवत ने यह भी कहा था कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है क्योंकि देश पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है।
प्राथमिकी 3 अक्टूबर को भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दर्ज की गई। इसमें राजद्रोह, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना, लोक कार्य में बाधा पहुंचाना, शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना समेत कई धाराएं शामिल हैं।
दशहरा के मौके पर मोहन भागवत ने मॉब लिंचिग के बहाने संघ पर होने वाले हमलों की कड़ी निंदा की। भागवत ने कहा कि यह संगठन को बदनाम करने के लिए एक बड़ा षड़यंत्र है। पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में मॉबलिंचिग की घटनाओं में संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों का नाम साजिशन लिया गया है।
मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री मोदी को खुला खत लिखने वालीं 50 सेलिब्रिटीज के खिलाफ मुजफ्फरपुर पुलिस ने FIR दर्ज की है।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने, मॉब लिंचिंग समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मॉब लिंचिंग की घटनाओं की आलोचना की। भागवत ने कहा कि इस तरह की हिसंक घटनाओं को संघ कार्यकर्ताओं द्वारा रोका जाना चाहिए।
अब ग्रुप सी की चयन प्रक्रिया में भी बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। अब लोक सेवा आयोग की जगह अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसका चयन करेगा।