सारा के विवादों के कारण उनके पूजन का समय है, क्योंकि ये पूजन और स्पर्श उस वक्त का बताया जा रहा है जब मंदिर का गर्भगृह बंद रहता है। यानी निषेध समय में पूजन को लेकर काशी के साधु संतों और विद्धानों ने आपत्ति दर्ज कराई है। काशी विद्वत परिषद के डॉ रामनारायण द्धिवेदी का कहना है कि अगर पुजारियों ने स्पर्श दर्शन कराया है तो ये गलत हुआ है। मंदिर प्रशासन को फौरन इस मामले का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करना चाहिए।