kalkaji mandir news today: बीती रात दिल्ली के कालकाजी मंदिर में हादसे के दौरान 17 लोग घायल और 1 महिला की मौत हो गई। ये हादसा मंच गिरने के कारण हुआ। दिल्ली का ये मंदिर काफी प्राचीन है और यहां रोज हजारों लोग दर्शन करने आते हैं।
Janmashtami 2023 Date & Shubh Muhurat: हर साल भाद्रपद मास में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 2 दिन मनाया जाएगा। ये पर्व पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। मथुरा-वृंदावन में इस उत्सव की धूम देखते ही बनती है।
लोहड़ी (Lohri 2023) का पर्व मुख्य रूप से पंजाब व इसके आस-पास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस समय पंजाब में रवी की फसल आती है, जिसके चलते यहां के किसानों में उत्साह का माहौल रहता है, जो लोहड़ी में भी देखने को मिलता है।
दिवाली (Diwali 2022) के अगले दिन गोवर्धन पूजा आता है। लेकिन इस बार सूर्यग्रहण की वजह से 26 अक्टूबर को इसे मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए एक अलग तरह की सब्जी तैयार की जाती है। जिसे अन्नकूट कहा जाता है। कई जगह पर इसे गड्ड का साग के नाम से भी जाना जाता है। आइए बताते हैं इसकी रेसिपी।
Janmashtami 2022 Date: भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते समय बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। और अगर ये पूजा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हो तो इन बातों का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है।
हिंदू पंचांग में जो 12 महीने होते हैं, उनमें फाल्गुन सबसे अंतिम होता है। इस बार दो दिन फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) है। फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि 17 मार्च, गुरुवार को दोपहर लगभग 1.37 पर आरंभ होगी, जो शुक्रवार की दोपहर भगभग 12.30 तक रहेगी।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी (Rath Saptami 2022) का व्रत किया जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये पर्व 7 फरवरी, सोमवार को है। मत्स्य पुराण के मुताबिक ये पूरी तरह से भगवान सूर्य देव को समर्पित व्रत है।
लोहड़ी (Lohri 2022) का पर्व नई फसल की खुशी में मनाया जाता है। इस समय पंजाब आदि क्षेत्रों में रवी की फसल आती है। इसलिए किसान इसे बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। नाचते हैं, गाते हैं और खुशियां मनाते हैं। मुख्यतः पंजाब का पर्व होने से इसके नाम के पीछे कई तर्क दिए जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति यानी गुरु हैं। जब भी सूर्य गुरु की इन राशियों में प्रवेश करता है, खर मास शुरू हो जाता है। खर मास (Khar Maas 2021) के दौरान किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाते हैं।
मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि को गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 14 दिसंबर, मंगलवार को है। इस तिथि का बहुत ही महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा व व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।