सार

सोचिए अगर इंसान के पास बोलने की शक्ति नहीं होती तो ये संसार कितना सूना-सूना लगता। इसलिए वाणी का मानव जीवन में विशेष महत्व है।

उज्जैन. सोचिए अगर इंसान के पास बोलने की शक्ति नहीं होती तो ये संसार कितना सूना-सूना लगता। इसलिए वाणी का मानव जीवन में विशेष महत्व है। प्रत्येक मनुष्य के बोलने का तरीका एक-दूसरे से भिन्न होता है। शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत मनुष्यों के बोलने के तरीकों पर गहन शोध किया गया है, जिसके आधार पर इंसान के स्वभाव के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि किस प्रकार बोलने वाले इंसान का स्वभाव कैसा होता है-

1. कुछ लोग इतनी तेजी से बोलते हैं कि किसी को पता भी नहीं चलता कि वे क्या बोलना चाहते हैं। ऐसे लोग न कोई बात छिपा सकते हैं और न हीं इनमें कोई बात स्पष्ट रूप से कहने का साहस होता है। ये लोग धोखेबाज हो सकते हैं।
2. ऊंचे स्वर में बोलने वाले लोग अपना अधूरा ज्ञान दूसरों पर थोपना चाहते हैं। ये किसी दूसरे की बात सुनना पसंद नहीं करते।
3. कुछ लोग जब बोलते हैं, तो उनकी वाणी में कर्कशता एवं टूटापन होता है। ऐसे लोग झगड़ालू, दु:खी एवं लक्ष्यहीन होते हैं।
4. रौबदार आवाज वाले लोग विद्वान, ज्ञानी, गंभीर, सौम्य, धैर्यवान व उदार चरित्र के होते हैं।
5. धीरे से व हकला कर बोलने वाले लोग अल्पबुद्धि, संकुचित प्रवृत्ति, धूर्त, कामचोर व असफल होते हैं।
6. गंभीर एवं संतुलित बोलने वाले लोग हर काम व्यवस्थित तरीके से करना पसंद करते हैं। ये हर जिम्मेदारी ठीक से निभाते हैं।
7. ऊंची आवाज में बोलने वाली महिला में अहंकार, अनुशासन, नेतृत्व की क्षमता होती है। परिवार पर इनका नियंत्रण रहता है।
8. सामान्य से कम स्वर वाली स्त्री में असत्य, निंदा, भ्रम, कलह, आत्मप्रशंसा आदि दुर्गुण हो सकते हैं।
9. हंस, मयूर या कोयल के समान बोलने वाली महिला को सर्वगुण संपन्न माना गया है।