सार
आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उनका नाम आज भी आदर के साथ लिया जाता है। आचार्य चाणक्य ने ही अखंड भारत की नींव रखी और चंद्रगुप्त मौर्य को भारत का चक्रवर्ती सम्राट बनाया।
उज्जैन. चंद्रगुप्त के शासन काल में भारत की सीमाएं दूर-दूर तक फैली हुई थी, इसका जितना श्रेय चंद्रगुप्त को जाता है, उतना ही आचार्य चाणक्य को भी। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र नामक ग्रंथ की रचना की। उसमें उन्होंने लाइफ मैनेजमेंट के कई सूत्रों के बारे में बताया है। ये सूत्र आज के समय में भी प्रासंगिक हैं। आचार्य चाणक्य ने एक नीति में तीन काम ऐसे बताए हैं, जिन्हें करने में हमें भी शर्म नहीं करना चाहिए। जो लोग इन कामों में शर्म करते हैं, उन्हें भविष्य में नुकसान हो सकता है। आगे जानिए कौन-से वो 3 काम…
पैसों से जुड़े कामों में शर्म न करें
आचार्य चाणक्य ने अनुसार जो व्यक्ति पैसों से जुड़े मामलों में शर्म करता है, उसे अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। मक्कार लोग ऐसे लोगों का फायदा उठाते हैं और पैसा लेते रहते हैं और समय आने पर लौटाते भी नहीं है। और सीधे-सादे लोग शर्म और रिश्तों का लिहाज करते हुए पैसे भी नहीं मांग पाते। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि पैसों से जुड़े मामलों में कभी शर्म नहीं करना चाहिए।
भोजन करने में शर्म न करें
आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ लोग शर्म के कारण भूखे ही रह जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई उनसे आकर भोजन का पूछेगा तब वे खाना खाएंगे। लेकिन कई बार इतंजार ही करते रह जाते हैं और कोई मनुहार करने नहीं आता और ऐसी स्थिति में भोजन करना इन लोगों को ठीक नहीं लगता। इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा कि भोजन करने में शर्म नहीं करनी चाहिए, नहीं तो कई बार भूखे ही रहना पड़ सकता है।
गुरु से ज्ञान लेने में बिल्कुल न हिचकें
आचार्य चाणक्य का मानन है कि श्रेष्ठ विद्यार्थी वही है जो बिना हिचके यानी शर्म किए अपने गुरु से सारा ज्ञान अर्जित कर लें। कुछ विद्यार्थी संकोच के कारण अपने गुरु से प्रतिप्रश्न नहीं कर पाते और उनकी जिज्ञासा भी शांत नहीं हो पाती। भविष्य में ऐसी स्थिति परेशानी का कारण बन सकती है। इसलिए अच्छा विद्यार्थी वही है जो बिना शर्म किए अपने गुरु से सभी जिज्ञासाओं का उत्तर प्राप्त करता है।
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