सार

चाणक्य नीति में कई ज्ञान की बातें बताई गई हैं। चाणक्य की नीतियों को समझकर हर इंसान सफल हो सकता है। आप चाणक्य की नीतियों को अपनाकर जीने का तरीका बदल सकते हैं।

उज्जैन. चाणक्य की नीतियां धर्म और ज्ञान के अधार पर ये बताती है कि क्या सही है और क्या गलत। जिसको समझकर आप परेशानियों से बच सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ के सातवें अध्याय के बारहवें श्लोक में बताया है कि किस तरह के लोग हमेशा परेशान रहते हैं।

नात्यन्तं सरलेन भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।12।। 

1. इस नीति के अनुसार जिन लोगों का स्वभाव बहुत ज्यादा सीधा-साधा है, उन्हें ऐसे नहीं रहना चाहिए, यह उनके के लिए अच्छा नहीं है। जंगल में हम देख सकते हैं, जो भी पेड़ सीधे होते हैं, सबसे पहले काटने के लिए उन्हें ही चुना जाता है। इस बात में एक गहरा अर्थ छिपा है। 
2. चाणक्य कहते हैं कि जिन लोगों का स्वभाव जरूरत से ज्यादा सीधा, सरल और सहज होता हैं, उन्हें समाज में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चालक और चतुर लोग इनके सीधे स्वभाव का गलत फायदा उठाते हैं। 
3. ऐसे लोगों को कमजोर माना जाता है। अनावश्यक रूप से लोगों की प्रताड़ना झेलना पड़ती है। ज्यादा सीधा स्वभाव मूर्खता की श्रेणी में माना जाता है। इसीलिए व्यक्ति को थोड़ा चतुर और चालक भी होना चाहिए। ताकि वह जीवन में अपने लक्ष्य प्राप्त कर सके और समाज में बुरे लोगों के बीच सुरक्षित रह सके। व्यक्ति चतुराई से ही अपना और अपने परिवार का पालन कर पाता है।