सार
इस बार छठ पूजा 20 नवंबर, शुक्रवार को है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। 20 को संध्याकालीन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इस पर्व के आखिरी दिन 21 तारीख को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करके व्रत पूरा किया जाएगा।
उज्जैन. इस बार छठ पूजा 20 नवंबर, शुक्रवार को है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा का विधान है। 20 को संध्याकालीन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इस पर्व के आखिरी दिन 21 तारीख को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करके व्रत पूरा किया जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस बार रवियोग में भगवान सूर्य को दोनों अर्घ्य दिए जाएंगे। सूर्य की विशेष स्थिति के कारण ये संयोग बनता है।
शुभ फल देता है रवियोग
- सूर्य का विशेष प्रभाव होने से इस योग को शुभ और बेहद प्रभावशाली भी माना जाता है।
- सूर्य की पवित्र ऊर्जा से भरपूर होने से इस योग में किए गए काम में सफलता की संभावना बहुत बढ़ जाती है। साथ ही अनिष्ट की आंशका भी खत्म हो जाती है।
- इसे दुख को खत्म करने वाला और मनोकामना पूरी करने वाला योग भी कहा जाता है।
- इस शुभ योग में सूर्य को अर्घ्य देने से रोग खत्म होते हैं और उम्र बढ़ती है।
किस दिन कौन सा शुभ योग
20 नवंबर: सर्वार्थसिद्धि और रवियोग, पूरे दिन
21 नवंबर: द्विपुष्कर योग पूरे दिन, सर्वार्थसिद्धि और रवियोग योग सुबह 9:55 तक
36 घंटे तक रहते हैं बिना पानी पीए
छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है और समापन सप्तमी को होता है। छठ व्रत करने वाले लगातार 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं। इस व्रत में शुद्धता पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है, जिससे इसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है।
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