सार
Chhath Arghya Timing 2022: छठ पूजा का महापर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दिन शाम को बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नदियों के किनारे लाखों लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं।
उज्जैन. इस बार 30 अक्टूबर, रविवार को छठ पर्व (Chhath Arghya Timing 2022) का तीसरा दिन है। इस दिन डुबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। इसके अगले दिन यानी 31 अक्टूबर, सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन किया जाएगा। ये उत्सव वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में इसकी काफी अधिक मान्यता है। समय के साथ इसका महत्व भी बढ़ता जा रहा है। इस व्रत में सूर्यदेव के साथ छठी मैया की पूजा भी की जाती है। मौसम विभाग ने बिहार के अधिकांश जिलों के लिए 30 अक्टूबर, रविवार के सूर्यास्त और 31 अक्टूबर, सोमवार की समय सारिणी जारी की है। यहां जानिए बिहार के किस शहर में 30 अक्टूबर के सूर्यास्त और 31 अक्टूबर के सूर्योदय का समय…
जिला सूर्यास्त (30 अक्टूबर) सूर्योदय (31 अक्टूबर)
पटना 5.10 5.57
भागलपुर 5.03 5.49
गया 5.11 5.56
पश्चिमी चंपारण 5.11 6.01
मुजफ्फरपुर 5.08 5.57
सुपौल 5.03 5.52
सारण 5.11 5.59
दरभंगा 5.06 5.55
पूर्वी चंपारण 5.10 5.59
अररिया 5.00 5.48
रोहतास 5.15 6.01
गोपलगंज 5.12 6.01
मधुबनी 5.05 5.54
शेखपुरा 5.08 5.53
बक्सर 5.15 6.01
जमुई 5.06 5.52
शिवहर 5.08 5.57
भोजपुर 5.12 5.59
समस्तीपुर 5.07 5.55
सीतामढ़ी 5.07 5.57
औरंगाबाद 5.14 5.59
वैशाली 5.09 5.56
बेगूसराय 5.06 5.53
खगड़िया 5.05 5.51
बांका 5.04 5.49
कटिहार 5.00 5.47
नवादा 5.09 5.54
भभुआ 5.17 6.02
किशनगंज 4.58 5.46
सिवान 5.12 6.01
लखीसराय 5.07 5.53
जहानाबाद 5.11 5.57
नालंदा 5.09 5.55
अरवल 5.12 5.58
मधेपुरा 5.03 5.51
सहरसा 5.04 5.51
मुंगेर 5.05 5.51
क्यों करते हैं सूर्यदेव और षष्ठी देवी की पूजा?
छठ पर्व में मुख्य रूप से भगवान सूर्य और उनकी बहन षष्ठी देवी की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार, षष्ठी देवी ही नवजात बच्चों की रक्षा करती है और उन्हें लंबी उम्र प्रदान करती है। वहीं सूर्यदेव प्रत्यक्ष देवता है यानी जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं। सूर्यदेव के प्रकाश और गर्मी से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए इस पर्व के माध्यम से इन दोनों देवी-देवताओं का आभार प्रकट किया जाता है।
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