सार
Hindu tradition: हिंदू धर्म में अनेक मान्यताएं और परंपराएं हैं। उनमें से एक मान्यता ये भी है कि अगर कोई व्यक्ति लेटा या सोया हुआ हो तो उसे लांघा नहीं जाता यानी उसके ऊपर से होकर नहीं निकला जाता। ऐसा करना नैतिकता की दृष्टि से भी ठीक नहीं माना जाता।
उज्जैन. हिंदू धर्म में अनेक नियम बनाए गए हैं, ये नियम बचपन से हमें सिखाए जाते हैं। उन्हीं में से एक एक नियम ये भी है कि अगर कोई व्यक्ति सोया या लेटा हो तो उसे लांघना नहीं चाहिए। उसके आस-पास जगह हो तो वहां से निकल जाना चाहिए। ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए, इससे कई सारी बातें जुड़ी हुई है, लेकिन बहुत कम लोग इसके पीछे की असली वजह जानते हैं। आज हम आपको इस नियम से जुड़े कारण के बारे में बता रहे हैं…
जब भीम के सामने आ गए हनुमान
महाभारत (Mahabharata) के उस प्रसंग के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि जब भीम का सामना हनुमानजी से हुआ था। उस प्रसंग के अनुसार, जब भीम (Interesting facts about Bhima) कहीं जा रहे थे तो हनुमानजी एक वृद्ध वानर के रूप में मार्ग पर रास्ता रोके लेटे हुए थे। उनकी पूँछ ने पूरे मार्ग को बाधित किया हुआ था।
जब भीम उस मार्ग से गुजरे तो उन्होंने पूंछ को लांघा नहीं हनुमानजी (Hanuman ji) से पूंछ हटाने को कहा। लेकिन हनुमानजी ने दुर्बलतावश पूंछ हटाने से इंकार कर दिया और पूंछ लांघकर चले जाने को कहा। लेकिन भीम ने ऐसा करने से इंकार कर दिया और स्वयं ही पूंछ हटाने लगे।
जब अपनी पूर शक्ति लगाने के बाद भी भीम हनुमानजी की पूँछ को टस से मस न कर पाए तो उन्हें समझ आ गया कि ये कोई साधारण वानर नहीं है। बाद में हनुमानजी ने भीम को अपना परिचय भी दिया और विशाल रूप भी दिखाया। हनुमानजी ने युद्ध में विजय पाने का आर्शीवाद भी भीम को दिया।
भीम ने हनुमानजी की पूँछ क्यों नहीं लांघी?
जब हनुमानजी ने भीम से पूंछ लांघकर आगे बढ़ने को कहा तो भीम ने कहा कि“ इस संसार के सभी प्राणियों में ईश्वर का अंश विद्यमान है, ऐसे में किसी प्राणी को लांघना परमात्मा का अनादर करने जैसा है।” इसलिए भीम ने हनुमानजी की पूंछ को लांघने की बजाए उसे हटाना उचित समझा।
इसलिए किसी सोए व्यक्ति को लांघा नहीं जाता
पवनपुत्र भीम ने हनुमानजी को न लांघने के पीछे जो कारण बताया उसी को ध्यान में रखते हुए हमारे पूर्वजों ने भी इससे संबंधित नियम बनाए ताकि कोई व्यक्ति किसी सोते या लेटे हुए व्यक्ति को लांघकर ईश्वर का अपमान न करें। इस नियम का पालन आज भी हिंदू धर्म में पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ किया जाता है।
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