सार
पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी (Hanuman Ashtami 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 दिसंबर, सोमवार को है। इस दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है।
उज्जैन. जो व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना है, उसकी इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत होती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि बहुत आसान है, लेकिन कुछ लोग जानकारी के अभाव में कुछ गलतियां करते हैं। जानिए हनुमान चालीसा का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए...
इस आसन का करें उपयोग
किसी भी मंत्र, स्तुति या स्त्रोत का पाठ करते समय आसन का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। जानकारी के अभाव में गलत आसन का उपयोग नुकसान पहुंचा सकता है। ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बैठने के लिए ऊनी या कुशा के आसन का उपयोग करना चाहिए।
इस अवस्था में न करें हनुमानजी की पूजा
कुछ लोग नहाने के तुरंत बाद सिर्फ टॉवेल लपेटकर और भीगे शरीर से ही हनुमान चालीसा का पाठ करने बैठ जाते हैं। ये गलत तरीका है। जबकि सुबह स्नान आदि करने के बाद लाल धोती पहनकर हनुमानजी के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर नियमपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
इन बातों का भी रखें खास ध्यान
कई बार लोग अस्वच्छ अवस्था (गंदे कपड़ों और रजस्वला स्त्री के स्पर्श के बाद) में ही हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। ऐसी गलतियां करने से बचना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ध्यान सिर्फ ईश्वर भक्ति में ही लगा होना चाहिए। इधर-ऊधर की बातें सोचने से बचना चाहिए।
शुद्ध होना चाहिए प्रसाद
हनुमानजी को प्रसाद चढ़ाते समय बहुत विशेष सावधानी रखनी चाहिए। गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित हनुमान अंक में विद्वानों ने कहा है कि हनुमानजी को घर में शुद्ध घी के चूरमें का भोग लगाना चाहिए। इससे उनकी कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है। अगर ये संभव न हो तो फिर मौसमी फलों या गुड़-चने का भोग भी लगा सकते हैं।
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