सार
श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि इंसान का शरीर नश्वर है, अमर सिर्फ आत्मा है। जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु अवश्य होगी।
पहला काम
अगर कोई व्यक्ति किसी की अंतिम यात्रा में शामिल होता है, शव को कंधा देता है तो उसके पुण्य में बढ़ोतरी होती है। इस पुण्य के असर से पुराने पाप नष्ट होते हैं। इसी मान्यता के कारण अधिकतर लोग शवयात्रा में शामिल होकर शव को कंधा जरूर देते हैं।
दूसरा काम
अगर हम समय अभाव के कारण किसी अनजाने व्यक्ति की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो सकते हैं तो जब शवयात्रा दिखे, हमें रुक जाना चाहिए। पहले शवयात्रा को निकलने देना चाहिए। भगवान से मृत व्यक्ति की आत्मा को शांति देने की प्रार्थना करनी चाहिए।
तीसरा काम
जब किसी की यात्रा दिखती है तो राम नाम का जाप करना चाहिए। श्रीरामचरित मानस के मुताबिक राम नाम के जाप से शिवजी अति प्रसन्न होते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा परमात्मा यानी शिवजी में ही विलीन हो जाती है, इस कारण शवयात्रा दिखे तो राम नाम का जाप करना चाहिए, इससे शिवजी की कृपा मिलती है।
चौथा काम
जब भी कहीं शवयात्रा दिखाई देती है तो हमें मौन हो जाना चाहिए। अगर हम कार या बाइक पर हैं तो ऐसे समय पर हॉर्न भी नहीं बजाना चाहिए। ये काम मृत व्यक्ति के प्रति आदर और सम्मान की भावना प्रकट करता है।