सार
आज (24 अक्टूबर 2021, रविवार) महिलाओं का सबसे प्रिय त्योहार करवा चौथ (karwa chauth 2021) है। इस दिन महिलाएं निर्जला (बिना कुछ खाए-पीए) व्रत रखती है ताकि पति की आयु में वृद्धि हो और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहे।
उज्जैन. 24 अक्टूबर, रविवार को करवा चौथ (karwa chauth 2021) है। इस खास मौके पर हम आपको देश के सबसे पुराने और संभवतया एकमात्र चौथ माता मंदिर (Chauth Mata Temple) के बारे में बता रहे हैं। ये मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) जिले के बरवाड़ा नाम के शहर में 1 हजार फीट से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना 1451 में वहां के शासक भीम सिंह ने की थी। माता के नाम पर कोटा में चौथ माता बाजार भी है। कोई संतान प्राप्ति तो कोई सुख-समृद्धि की कामना लेकर चौथ माता के दर्शन को आता है। मान्यता है कि माता सभी की इच्छा पूरी करती हैं। करवा चौथ पर यहां महिलाओं की भीड़ उमड़ती है।
ये हैं मंदिर से जुड़ी खास बातें…
1. चौथ माता मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी और तालाब का निर्माण कराया गया। इस मंदिर में दर्शन के लिए राजस्थान से ही नहीं अन्य राज्यों से भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं।
2. नवरात्र के दौरान यहां होने वाले धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व है। करीब एक हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान चौथ माता जन-जन की आस्था का केन्द्र है। शहर से 35 किमी दूर पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर जयपुर शहर के आसपास का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
3. मंदिर सुंदर हरे वातावरण और घास के मैदान के बीच स्थित है। सफेद संगमरमर के पत्थरों से स्मारक की संरचना तैयार की गई है। दीवारों और छत पर शिलालेख के साथ यह वास्तुकला की परंपरागत राजपूताना शैली के लक्षणों को प्रकट करता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। देवी की मूर्ति के अलावा, मंदिर परिसर में भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां भी दिखाई पड़ती हैं।
कब और कैसे पहुचें?
इस मंदिर की यात्रा साल में कभी भी की जा सकती है, लेकिन नवरात्र और करवा चौथ के समय यहां जाने का विशेष महत्व माना जाता है। नवरात्रि में यहां मेला लगता है। इस मंदिर के दर्शन करने जाने के लिए आपको पहले सवाई माधोपुर पहुंचना होगा। चौथ का बरवाड़ा से जयुपर 130 किमी दूर है। जयपुर से यहां तक लोकल ट्रेन चलती हैं।
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