सार
लाल किताब के अनुसार, रत्न पहनने से ग्रहों से संबंधित शुभ फल मिलने लगते हैं। अगर रत्न पहनने में कुछ गलतियां हो जाएं तो हमें इसके अशुभ फल भी भुगतने पड़ते हैं।
उज्जैन. रत्नों के नकारात्मक फल का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए पहले कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। लाल किताब से जानिए रत्न पहनते समय किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें…
1. लाल किताब के अनुसार कुंडली में राहु 12वें, वें11, 5वें, 8वें या 9वें स्थान पर हो तो गोमेद नहीं पहनना चाहिए। इससे नुकसान हो सकता है।
2. राहु का रत्न गोमेद कनिष्का में पहनना चाहिए, क्योंकि मिथुन राशि में उच्च का होने से बुध की अंगुली कनिष्का में पहनना शुभ फलदायी रहता है।
3. मान्यता है कि राजनीति, जासूसी, जुआ-सट्टा और तंत्र-मंत्र से जुडे़ व्यक्ति यदि गोमेद पहनते हैं तो यह राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है।
4. जिनका व्यवसाय राहु वाला हो उन्होंने गोमेद धारण नहीं करना चाहिए।
5. यह भी कहा जाता है कि गोमेद को सोच समझकर कर पहनना चाहिए अन्यथा सेहत से जुड़ी समस्या हो सकती है।
6. गोमेद के साथ मंगल, चंद्र और सूर्य के रत्न धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा दुर्घटना के योग बन सकता है।
7. गोमेद धारण करने के पहले या धारण कर रखा है तो किसी जानकार ज्योतिष से सलाह जरूर लें।
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