सार

इस बार 29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। ये हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।

उज्जैन. इन 9 दिनों में गरबा नृत्य कर और उपवास आदि कर देवी की उपासना की जाती है। इसके अलावा हिंदू नववर्ष की शुरूआात में चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। अधिकांश लोग इन 2 नवरात्रियों के बारे में ही जानते हैं, लेकिन इनके अलावा 2 अन्य नवरात्रि भी होती है, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। 

साल में कब-कब आती है नवरात्रि

  • हिंदू धर्म के अनुसार, एक वर्ष में चार नवरात्रि होती है। वर्ष के प्रथम मास अर्थात चैत्र में प्रथम नवरात्रि होती है। चौथे माह आषाढ़ में दूसरी नवरात्रि होती है। इसके बाद अश्विन मास में प्रमुख नवरात्रि होती है।
  • इसी प्रकार वर्ष के ग्यारहवें महीने अर्थात माघ में भी गुप्त नवरात्रि मनाने का उल्लेख एवं विधान देवी भागवत तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है।
  • अश्विन मास की नवरात्रि सबसे प्रमुख मानी जाती है। इस दौरान गरबों के माध्यम से माता की आराधना की जाती है। दूसरी प्रमुख नवरात्रि चैत्र मास की होती है।
  • इन दोनों नवरात्रियों को क्रमश: शारदीय व वासंती नवरात्र के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें प्रकट नवरात्रि भी कहते हैं।
  • इसके अतिरिक्त आषाढ़ तथा माघ मास की नवरात्रि गुप्त रहती है। इसके बारे में अधिक लोगों को जानकारी नहीं होती, इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

क्यों कहते हैं इन्हें गुप्त नवरात्रि?

  • माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं, क्योंकि इसमें गुप्त रूप से शिव व शक्ति की उपासना की जाती है।
  • जबकि चैत्र व शारदीय नवरात्रि में सार्वजनिक रूप में माता की भक्ति करने का विधान है।
  • माघ मास की नवरात्रि में सनातन, वैदिक रीति के अनुसार देवी साधना करने का विधान निश्चित किया गया है।
  • गुप्त नवरात्रि विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने का समय है। साधक इन दोनों गुप्त नवरात्र (माघ तथा आषाढ़) में विशेष साधना करते हैं तथा चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।