सार

धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान की पूजा अगर मन लगाकर की जाए तो दुनिया के सभी सुख मिल सकते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना गया है।

उज्जैन. सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा करना हिंदुओं के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नारद पुराण में भी पूजा से संबंधित कुछ बातें बताई गई हैं। उसके अनुसार, पूजा करते समय यदि व्यक्ति के मन में आगे बताई गई 4 भावनाएं आ जाएं तो उसका पूरा फल नहीं मिलता। ये 4 भावनाएं कौन सी हैं, इसकी जानकारी इस प्रकार है-

1. लोभ यानी लालच
जो व्यक्ति किसी लालच या स्वार्थ में आकर भगवान की पूजा करता है, उसे उसका पूरा फल नहीं मिलता। निस्वार्थ भाव से की गई पूजा ही फलदायक होती है।

2. भय यानी डर
कुछ लोग भय यानी किसी अनहोनी के डर से भगवान की पूजा करते हैं। ऐसे भाव से की गई पूजा का भी संपूर्ण फल नहीं मिलता।

3. अज्ञानता यानी बिना जानकारी के
पूजा-पद्धति की जानकारी न होने पर भी भगवान की आराधना नहीं करनी चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

4. दूसरों के कहने पर यानी दवाब में आकर
कई लोग दूसरों के कहने पर या घर वालों के दबाव में आकर पूजा करते हैं। इस तरह बिना मन से की गई पूजा भी पूरा फल नहीं देती।