सार

महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ बहुत ही विस्तृत है। इसकी कथा जितनी बड़ी है, उतनी ही रोचक भी है। शास्त्रों में महाभारत को पांचवां वेद भी कहा गया है। महाभारत के उद्योग पर्व में युद्ध से पहले महात्मा विदुर राजा धृतराष्ट्र को लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक बातें बताते हैं।

उज्जैन. महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ बहुत ही विस्तृत है। इसकी कथा जितनी बड़ी है, उतनी ही रोचक भी है। शास्त्रों में महाभारत को पांचवां वेद भी कहा गया है। महाभारत के उद्योग पर्व में युद्ध से पहले महात्मा विदुर राजा धृतराष्ट्र को लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक बातें बताते हैं। इसे विदुर नीति कहते हैं। विदुर नीति के अनुसार, कुछ लोगों को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता, इसलिए इनसे दूर रहने में ही भलाई है। इनकी जानकारी इस प्रकार है-

1. जिसने नशा किया हो
जिस व्यक्ति ने नशा किया हुआ हो, उससे दूर रहने में ही भलाई है। नशे में व्यक्ति को अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता और कई बार वह ऐसे काम भी कर देता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। विदुर नीति के अनुसार, नशे में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए गलत कामों का दंड उसके साथ रहने वालों को भी भुगतना पड़ सकता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति से दूर रहना ही अच्छा है।

2. असावधान इंसान
असावधान व्यक्ति की लापरवाही के कारण हमें भी नुकसान हो सकता है।  वाहन चलाते समय या कोई जोखिम भरा काम करते समय किसी व्यक्ति की जरा सी लापरवाही उसकी व उसके साथ रहने वाले व्यक्ति की भी जान ले सकती है। इसलिए जो व्यक्ति असावधान यानी लापरवाह हो, उसके साथ न ही रहें तो बेहतर रहेगा।

3. पागल व्यक्ति
जिस व्यक्ति का मानसिक संतुलन खराब हो, उसे सही-गलत या अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता। वह तो बिना कारण कुछ भी करता रहता है। ऐसे में कई बार वह ऐसे काम भी कर देता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। इसलिए जिस व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक नहीं हो, उसके साथ भी नहीं रहना चाहिए। 

4. थका हुआ व्यक्ति
जिस व्यक्ति ने सारी रात कमरतोड़ मेहनत की हो और वह थक कर चूर हो चुका हो, ऐसी व्यक्ति को भी अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रहता। अगर उसके आराम में उसे रुकावट आती है तो वह सही-गलत का निर्णय किए बिना ही कुछ ऐसा कर सकता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। इस स्थिति में उसे तो नुकसान उठाना ही पड़ेगा, लेकिन उसके साथ यदि कोई है तो वह भी संकट में फंस सकता है। इसलिए ऐसे व्यक्ति से दूर रहने में ही भलाई है।

5. क्रोधी व्यक्ति
जिस व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर बहुत गुस्सा आता हो, उससे भी दूर ही रहना चाहिए। ऐसा व्यक्ति छोटी सी बात पर भी किसी पर हमला कर सकता है या ऐसा कुछ कर सकता है, जिसके कारण आगे जाकर पछताना पड़े। इसलिए क्रोधी व्यक्ति से दूर ही रहना चाहिए।

6. भूखा व्यक्ति
भूख से तपड़ते हुआ मनुष्य सही-गलत का निर्णय नहीं ले पाता और कुछ ऐसा कर सकता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। भूखा व्यक्ति चोरी, डकैती या लूट जैसी घटना को भी अंजाम दे सकता है। भले ही उसका स्वभाव अच्छा हो, लेकिन भूख के कारण वह ये बुरे काम कर सकता है। इसलिए भूखे व्यक्ति से भी मेल-जोल नहीं रखना चाहिए। इसके कारण भी आप किसी मुसीबत में फंस सकते हैं।

7. जल्दबाजी में काम करने वाला व्यक्ति
अपना काम जल्दी निपटाने के लिए ऐसे लोग कोई शार्टकट तरीका अपनाते हैं, जिसके कारण बाद में इन्हें पछताना पड़ता है। कई बार ऐसे लोगों से जल्दबाजी में किसी का बुरा भी हो जाता है। ऐसे लोग स्वभाव के बुरे नहीं होते, लेकिन जल्दबाजी के कारण कई बार इन्हें लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। इसलिए ऐसे लोग जो हर काम जल्दबाजी में करते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए।

8. लोभी व्यक्ति
लालची इंसान अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी के साथ भी धोखा कर सकते हैं। ऐसे लोग धर्म-अधर्म के बारे में नहीं सोचते। ये लोग अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्त या और किसी के साथ भी बुरा करने से नहीं हिचकते। विपरीत समय आने पर ये अपने साथ रहने वाले लोगों को भी फंसा सकते हैं। इसलिए लालची लोगों से दूर रहने में ही भलाई है।

9. भयभीत यानी डरा हुआ व्यक्ति
डरे हुए इंसान को रस्सी भी सांप नजर आती है। उसे यही लगता है कि कहीं से कोई उसका नुकसान न कर दे। ऐसा व्यक्ति सही-गलत में भी फर्क नहीं कर सकता। डरा हुआ व्यक्ति सज्जन होने पर भी जाने-अनजाने में किसी को चोट पहुंचा सकता है। इसलिए भयभीत व्यक्ति के साथ भी नहीं रहना चाहिए क्योंकि उसकी गलती आपके लिए भी संकट पैदा कर सकती है।

10. कामी व्यक्ति
जब किसी व्यक्ति पर काम हावी होता है तो वह सही-गलत व अच्छा-बुरा सब भूल जाता है। कामी व्यक्ति अपनी तृप्ति के लिए किसी के साथ भी बुरा व्यवहार कर बैठता है। ऐसे व्यक्ति के साथ रहने वालों को भी कई बार अपमान का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ऐसे लोगों की संगत से बचना चाहिए।